आर अश्विन के रिटायरमेंट की इनसाइड स्टोरी, इस बात ने कर दिया ऑफ स्पिनर को परेशान
R Ashwin Retirement: ब्रिसबेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच ड्रॉ रहने के बाद भारत के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन के संन्यास ने सभी को चौंका दिया। खेल के आधुनिक महान खिलाड़ियों में से एक अश्विन ने मैच खत्म होते ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया, जिससे सभी हैरान रह गए। अश्विन मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के साथ शामिल हुए, लेकिन उन्होंने अपने संन्यास के फैसले को सार्वजनिक करते हुए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
ब्रिसबेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच ड्रॉ कराने के लिए सभी खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की, जिससे भारतीय खेमे में खुशी का माहौल था। हालांकि, अश्विन के बीच सीरीज में अचानक संन्यास लेने के फैसले ने सभी को चौंका दिया। उनका यह फैसला दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ा झटका है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि क्रिकेट पिच पर अश्विन को करीब से देखने वाले जानते हैं कि उनके साथ सबकुछ ठीक नहीं हुआ।
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क्या है अश्विन के संन्यास लेने की वजह
पीटीआई की एक रिपोर्ट में अश्विन के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के बीच में ही संन्यास लेने के फैसले के पीछे की कहानी बताई गई है, जिसमें हेड कोच गौतम गंभीर की भूमिका भी शामिल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अश्विन प्लेइंग इलेवन की गारंटी न होने पर ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए उत्सुक नहीं थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के बाद रोहित शर्मा की टीम को 0-3 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। इसके बाद ऑफ स्पिनर को अपनी आगामी भूमिका को लेकर कुछ क्लियर नहीं था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर प्लेइंग इलेवन के सिलेक्शन को लेकर सिलेक्टर्स से गारंटी भी मांगी।
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वाशिंगटन के चयन ने दिया अश्विन को झटका
जाहिर तौर पर कुछ गारंटी उन्हें दी गई, जबकि भारत ने इस दौरे के लिए रवींद्र जडेजा के साथ तीसरे स्पिनर के रूप में वाशिंगटन सुंदर को चुना। अश्विन को पहला झटका तब लगा जब पर्थ टेस्ट के लिए सुंदर को उनकी जगह चुना गया। टीम मैनेजमेंट के इस फैसले ने अश्विन को काफी हद तक चोट पहुंचाई। अश्विन ने कप्तान रोहित शर्मा के साथ अपनी स्थिति के बारे में बात की, जहां उन्होंने कहा कि वह खेल से संन्यास लेना चाहते हैं क्योंकि टीम को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है।'
रोहित ने किसी तरह उन्हें पिंक बॉल टेस्ट तक के लिए रुकने के लिए मना लिया और प्लेइंग इलेवन में खिलाने का वादा किया, जिसे भारतीय कप्तान ने पूरा भी किया। तीसरे टेस्ट के आते ही जडेजा ने अश्विन को पछाड़कर प्लेइंग इलेवन में जगह बना ली, जिससे तमिलनाडु में जन्मे स्पिनर की तस्वीर काफी हद तक क्लियर हो गई। जडेजा का चयन इस बात की पक्की पुष्टि थी कि उनके लिए भविष्य में क्या छिपा है।