बड़ी खबर: विनेश फोगाट जैसे केस में CAS ने लिया फैसला, इस एथलीट ने जीती जंग, मिलेगा मेडल!
CAS Big Decision in Paris Olympics: विनेश फोगाट की सुनवाई टलने के बीच पेरिस ओलंपिक से एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय रेसलर जैसे ही एक केस में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) शनिवार को बड़ा फैसला सुनाया है। इसकी वजह से जिस एथलीट से कांस्य पदक छिन गया था, उसे अब वापस मिल सकता है। इस खबर के आने के बाद विनेश फोगाट को लेकर भी उम्मीदें जगी हैं। हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि विनेश समेत पूरे भारत के चेहरे पर मुस्कान आती है या एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ेगा।
CAS ने महिला जिमनास्टिक फ्लोर एक्सरसाइज में यह फैसला सुनाया है। अब रोमानिया की एना बारबोसु को अमेरिका की जॉर्डन चिल्स की जगह कांस्य पदक मिल सकता है। दरअसल CAS ने अमेरिकी जिम्नास्ट के कोच की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसकी वजह से उन्होंने कांस्य पदक जीता था। मैच खत्म होने के बाद रोमानिया की जिम्नास्ट ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था, लेकिन तभी अमेरिका की चिल्स के कोच ने जजों के सामने फैसले के खिलाफ अपील कर दी। इसकी वजह से चिल्स को 0.1 अंक का फायदा हो गया। ब्रॉन्ज मेडल जीतने के लिए यह अंतर काफी था।
ये भी पढ़ें: विनेश फोगाट को फाइनल में अयोग्य घोषित होने से CAS की सुनवाई तक, यहां जानें सब कुछ
CAS का फैसला
CAS ने शनिवार को अपने फैसले में कहा कि अमेरिकी कोच सेसिल लेंडी ने चिल्स के स्कोर में 0.1 प्वाइंट जोड़ने की मांग की, वह अंतरराष्ट्रीय जिमनास्टिक महासंघ (FIG) द्वारा दी गई एक मिनट की अवधि से बाहर थी। इस मांग की वजह से ही चिल्स पांचवें से तीसरे स्थान पर पहुंच गई थीं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शुरुआत में जो फिनिशिंग क्रम था, उसे ही बहाल किया जाना चाहिए। शुरुआती क्रम में बारबोसु तीसरे, उन्हीं की टीम की साथी सबरीना मानेका-वोइनिया चौथे और चिल्स पांचवें स्थान पर थीं। संगठन ने कहा कि FIG को इसी फैसले के अनुसार अंतिम रैंकिंग निर्धारित करनी चाहिए, लेकिन यह तय करना संघ पर ही छोड़ दिया कि ब्राजील की गोल्ड मेडल विजेता रेबेका एंड्रेड और अमेरिका की रजत पदक विजेता सिमोन बाइल्स के बाद पदक किसे मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने किया था वादा
पेरिस ओलंपिक में जब फाइनल रैंकिंग आई थी, उसमें बारबोसु तीसरे नंबर पर थी। इसके बाद ही उन्होंने मान लिया कि उन्हें ब्रॉन्ज मिला है और उन्होंने जश्न मनाना शुरू कर दिया। लेकिन जब यह फैसला आया तो वह झंडा फेंककर रोते हुए वहां से चली गई। हालांकि रोमानिया के प्रधानमंत्री ने सिओलोकू ने कहा था कि उन्हें और उनकी साथी को ओलंपिक विजेता के तौर पर ही सम्मानित किया जाएगा।
ये भी पढ़ें: विनेश फोगाट केस में बड़ा अपडेट