BCCI से कितनी पेंशन पाते हैं विनोद कांबली? पाई-पाई के लिए मोहताज हैं भारतीय क्रिकेटर
Vinod Kambli Pension: भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली एक समय अपने खेल के दम पर क्रिकेट की दुनिया में अच्छा नाम कमा रहे थे। तब उनके पास ना तो शोहरत की कमी थी और ना ही दौलत की। उनके टेस्ट करियर की शुरुआत भी इतना जोरदार रही थी, जिसकी कल्पना हर बल्लेबाज करता है। उन्होंने अपने शुरुआती सात टेस्ट में ही दो डबल सेंचुरी जड़ डाली थी, जहां उनका औसत 100 से ऊपर था। इन सात मैचों में उन्होंने 793 रन बना दिए थे और इस दौरान उन्होंने औसत के मामले में महान डॉन ब्रैडमैन को भी पछाड़ दिया। मगर इसके बाद कहानी पूरी तरह बदल गई और वो कुछ ही सालों में अर्श से फर्श पर पहुंच गए।
बताया जाता है कि कांबली की नेटवर्थ एक समय 20 करोड़ के आसपास थी, लेकिन अब कहानी पूरी तरह बदल चुकी है। आलम यह है कि अपने समय का यह दिग्गज बल्लेबाज आज पाई-पाई का मोहताज हो गया है। आज उनका ना तो शरीर साथ दे रहा है और ना ही उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे हैं। कांबली के पास मौजूदा समय में आय का साधन सिर्फ बीसीसीआई से मिलने वाली मंथली पेंशन है, जहां बोर्ड की तरफ से उन्हें हर महीने तीस हजार रुपये मिलते हैं।
"I am retired cricketer, who is completely dependent on the pension from the BCCI. My only payment source of income at the moment is from board (30,000 Rs). I am really thankful and grateful. It takes care of my family." - Vinod Kambli (To Mid Day)
— Tanuj Singh (@ImTanujSingh) August 19, 2022
यह भी पढ़ें: रिंकू सिंह की पारी पर भारी पड़ गया 8 गेंद खेलने वाला बल्लेबाज, IPL 2025 में मचाएगा धमाल
बेहद छोटा रहा कांबली का करियर
साल 1993 में भारत की ओर से डेब्यू करने वाले कांबली का इंटरनेशनल करियर बेहद छोटा रहा। उन्होंने अपने करियर में सिर्फ 17 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 54.2 की प्रभावशाली औसत से 1084 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से तीन फिफ्टी, चार शतक और दो दोहरे शतक निकले। उन्होंने देश के लिए 104 वनडे मुकाबले भी खेले, जहां उन्होंने 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए। इसमें दो फिफ्टी और दो शतक शामिल रहे।
ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे कांबली
कांबली हाल ही में अपनी बिगड़ती सेहत के कारण सुर्खियों में आए। उनके और सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर की विरासत को याद करने के लिए मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान वो काफी दुबले-पतले नजर आए। इस दौरान वो ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे। उनकी इस हालत ने कई भारतीय फैंस का ध्यान खींचा, जो उनके लिए चिंतित हो गए। कांबली को इस कंडीशन में देखकर 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम भी उनकी मदद के लिए आगे आई।
उनको लेकर कपिल देव ने कहा, 'हम सभी को उसका समर्थन करने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन हमसे ज्यादा उसे खुद का समर्थन करना होगा। अगर कोई व्यक्ति खुद का ख्याल नहीं रख सकता तो हम भी उसका ख्याल नहीं रख सकते। हमने जो देखा है, उससे सभी क्रिकेटर बहुत दुखी हैं। मैं चाहता हूं कि उसके सबसे करीबी दोस्त उसकी मदद करें, ताकि वह खुद का ख्याल रख सके और रिहैब में वापस जा सके।'
यह भी पढ़ें: वैभव सूर्यवंशी की उम्र पर पाकिस्तानी क्रिकेटर ने उठाए सवाल, बोले- इतनी पावर कहां से आ रही