5 लाख खिलाड़ियों के बीच सिर्फ 1 गेंद ने दिलाया सिलेक्शन, कोहली से खाए 2 छक्के कभी भूल नहीं पाएगा पाक गेंदबाज
Happy Birthday Haris Rauf: पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हारिस रऊफ आज अपना 31वां जन्मदिन मना रहे है। सात नवंबर 1993 को पंजाब के रावलपिंडी में जन्मे रऊफ आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने बहुत ही कम समय में स्पीड के दम पर एक अलग मुकाम हासिल किया है। पाक तेज गेंदबाज का पालन-पोषण रावलपिंडी में हुआ। उनके पिता एक वेल्डर थे, जो लोक निर्माण डिपार्टमेंट में काम करते थे। रऊफ इस्लामाबाद में डायमंड क्रिकेट क्लब के पास ही पले-बढ़े, लेकिन वे कभी औपचारिक रूप से इस क्लब में शामिल नहीं हुए।
टेप-बॉल में रऊफ ने जमकर कमाया नाम
रऊफ 2017 में क्रिकेट ट्रायल के लिए भरी दोपहर में साढ़े चार घंटे की दूरी का सफर तय करते हुए इस्लामाबाद से गुजरांवाला पहुंचे। वे वहां देर से पहुंचे और स्टेडियम पूरी तरह से भर जाने के कारण उन्हें एंट्री नहीं मिली। उन्होंने इसके लिए लंबा सफर तय किया था, ऐसे में वो वापस नहीं जा सकते थे। इसलिए उन्होंने यहां लोहे के गेट का ताला तोड़ा और सिक्योरिटी गार्ड्स के बचते हुए अंदर घुस गए। इस ट्रायल से पहले रऊफ कभी सीजन बॉल से नहीं खेले थे, बल्कि टेप बॉल से ही खेला करते थे। उन्होंने अपनी स्पीड के दम पर अपने गांव, मोहल्ले और आसपास की टीमों के बीच जमकर नाम कमाया, जो उन्हें अच्छा भुगतान करती थीं।
ट्रायल में रऊफ ने दिखाया स्पीड का दम
उन्होंने कभी हार्ड-बॉल क्रिकेट नहीं खेला था और न ही उनकी कोई महत्वाकांक्षा थी, लेकिन लाहौर कलंदर्स द्वारा आयोजित ओपन ट्रायल ने उनको मजबूर कर दिया। उनके पास अच्छी स्पीड और एथलेटिक बॉडी थी, जिसकी वजह से वो पहला राउंड पार करने में सफल रहे। उनके सामने अगले राउंड की चुनौती उसी दिन आ गई। इस ट्रायल के दौरान पांच लाख से ज्यादा लोग आए थे, जिसमें से 145,000 गेंदबाज थे। इस ट्रायल की खास बात यह है कि यह सटीक गेंदबाजी के बारे में नहीं था, बल्कि जितना संभव हो सके, उतना तेज गेंदबाजी के बारे में था। हारिस का नंबर आखिरी राउंड में आया, जहां उन्होंने पूरा दम लगाते हुए 92.3 मील प्रति घंटे की स्पीड से गेंद फेंक दी और सभी को चौंका दिया।
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कोच ने की भी रऊफ की तारीफ
ये ट्रायल लाहौर कलंदर्स द्वारा 2016 में शुरू किए गए प्लेयर डेवलपमेंट प्रोग्राम का हिस्सा हैं, जिसमें रावलपिंडी से लेकर दक्षिणी पंजाब तक ट्रायल आयोजित किए गए। उनकी यहां तारीफ लाहौर कलंदर्स के कोच आकिब जावेद ने भी की थी। उन्होंने कहा था, 'रऊफ के पास जबरदस्त स्पीड थी और 92.3 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करना कोई मजाक नहीं है। हमने उसकी क्षमता देखी, और उस पर काम करना शुरू कर दिया। उसके पास स्पीड जरूर थी, लेकिन एक अच्छा गेंदबाज बनने के लिए उसे दो साल की अच्छी ट्रेनिंग की जरूरत थी।'
कभी नहीं भूल पाएंगे विराट से खाए छक्के
हारिस रऊफ की गेंद पर दो साल पहले भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने टी-20 वर्ल्ड कप के एक मैच में लगातार दो छक्के जड़कर जमकर सुर्खियां बटोरी थीं। इस दौरान विराट का एक छक्का तो इतना शानदार था कि खुद आईसीसी ने इसे 'शॉट ऑफ द सेंचुरी' बताया था। उस मैच में एक समय भारत को आठ गेंदों पर 28 रनों की जरूरत थी और वह हार की तरफ बढ़ रहा था। लेकिन कोहली के इन छक्कों के दम पर भारत यह मैच जीतने में सफल रहा था। इस मैच में कोहली ने सिर्फ 52 गेंदों पर 83 नाबाद पारी खेलकर अपना दम दिखाया था।
ऐसा है रऊफ का करियर
हारिस रऊफ ने अपने वनडे करियर में 38 मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 26.24 की औसत से 72 विकेट दर्ज हैं। इस दौरान उनका इकॉनमी रेट छह का रहा है, जबकि बेस्ट प्रदर्शन 18 रन देकर पांच विकेट झटकना है। देखा जाए तो रऊफ ने अब तक टेस्ट क्रिकेट से दूरी ही बनाई है, जहां उन्होंने पांच साल में सिर्फ एक ही मैच खेला है, जिसमें वो सिर्फ एक ही विकेट ले पाए। यह तेज गेंदबाज सबसे ज्यादा सफल टी-20 फॉर्मेट में रहा है, जहां उन्होंने अपने देश के लिए 72 इंटरनेशनल मैचों में 20.94 की औसत से 102 विकेट झटके हैं। इस दौरान उनका इकॉनमी रेट 8.16 का रहा है।
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