IND vs ZIM: टीम इंडिया को इन 3 गलतियों से पाना होगा छुटकारा, पहले मैच में ये थे कारण
IND vs ZIM: भारत और जिम्बाब्वे के बीच पांच मैचों की टी20 क्रिकेट सीरीज के पहले ही मैच में युवा सितारों से सजी भारतीय टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। मैच में भारतीय टीम के खिलाड़ी जिम्बाब्वे के खिलाफ संघर्ष करते हुए नजर आए। टीम इंडिया के खिलाड़ी पूरे मैच में गलती करते रहे और अंत में उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। नतीजे में टीम को 13 रन से हार का सामना करना पड़ा। टीम के खिलाड़ियों में अनुभव की भारी कमी नजर आई। पांच मैचों की टी20 सीरीज में जिम्बाब्वे ने 1-0 से बढ़त बना ली है। अब टीम इंडिया को सीरीज में वापसी करने के लिए अपने पिछले मैचों की गलतियों को सुधारना होगा।
ओवर कॉन्फिडेंस
टीम इंडिया में ज्यादातर खिलाड़ियों के पास अनुभव की भारी कमी है। लेकिन इन खिलाड़ियों में अति आत्मविश्वास भी नजर आ रहा है। मैच के दौरान ऐसा लग भी रहा था कि जिम्बाब्वे के खिलाफ इस मैच के लिए टीम इंडिया की तैयारी अधूरी है। मेजबान टीम और उसके घरेलू मैदान पर उसकी क्या मजबूती है इस पर भी टीम ने ज्यादा होमवर्क नहीं किया। 116 रन के टॉर्गेट को भी टीम ने हल्के में ले लिया और पिच पर समय गुजारने के बजाय बड़े शॉट खेलकर रन बनाने की कोशिश में लगातार विकेट खोते रहे। टॉर्गेट को देखते हुए सिंगल-डबल से भी रन जुटाकर मैच को जीता जा सकता था।
अनुभव की कमी
हरारे की पिच पर गेंद बल्ले पर ठीक तरह से आ नहीं रही थी। यही वजह है कि पूरे मैच में केवल 2 ही छक्के लगे। एक छक्का वाशिंगटन सुंदर के बल्ले से आया तो दूसरा छक्का जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा ने जड़ा। इसके बावजूद भारतीय टीम के बल्लेबाज हवाई शॉट खेलते रहे। इससे ये स्पष्ट है कि अनुभव की कमी इन बल्लेबाजों में साफतौर पर नजर आई। बल्लेबाज अगर पिच पर कुछ देर रुकते और सिंगल-डबल से भी स्ट्राइक बदलते तो मैच का परिणाम कुछ और ही होता। भारतीय टीम को अंतिम 10 ओवर में 70 के आसपास रन बनाने थे लेकिन बल्लेबाज पिच पर समय बिताने के बजाय बड़े शॉट ही खेलने के चक्कर में अपना विकेट गंवाते रहे। एक छोर पर वॉशिंगटन सुंदर अच्छा खेल रहे थे लेकिन उन्हें स्ट्राइक देने के बजाय दूसरी छोर पर पुछल्ले बल्लेबाज भी हवाई शॉट खेलते हुए अपना विकेट गंवाते रहे।
खराब गेंदबाजी
जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में टीम इंडिया की बल्लेबाजी पूरी तरह से ध्वस्त रही। लेकिन टीम की गेंदबाजी में भी अनुभव की कमी नजर आई। भारतीय टीम के गेंदबाजों ने एक समय जिम्बाब्वे के 90 रन पर 9 विकेट गिरा दिए थे। लेकिन अंतिम विकेट गेंदबाजों को नहीं मिल सका। आखिरी जोड़ी के रूप में मैडांडे और चतारा ने 25 रन की पार्टनरशिप कर ली और टीम का स्कोर 115 रन तक पहुंचा दिया। यही 25 रन टीम इंडिया के बल्लेबाजों को भारी पड़ गए।
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