जब जिम्बाब्वे के 11वें नंबर के खिलाड़ी ने टीम इंडिया से छीनी थी जीत, डगलस मार्लियर का शॉट हिट

IND vs ZIM: भारत और जिम्बाब्वे के बीच मैच में हमेशा ही भारत का पलड़ा भारी रहा है। दोनों टीमों के बीच अब तक कुल 66 वनडे मैच खेले गए हैं, जिसमें भारत ने 54 और जिम्बाब्वे ने 10 मैच ही जीते हैं। 2 मैच बेनतीजा रहे हैं। इन दोनों टीमों के बीच सबसे रोमांचक मैच 2002 में हुआ था। जहां जिम्बाब्वे के एक खिलाड़ी ने टीम इंडिया के मुंह से जीत छीन ली थी और महज एक विकेट से अपनी टीम को मैच जिताया था। 

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ZIM vs IND 2002 Match

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IND vs ZIM: भारत और जिम्बाब्वे के बीच मैच में हमेशा ही भारत का पलड़ा भारी रहा है। दोनों टीमों के आंकड़ों पर नजर डालें तो भी टीम इंडिया ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट में जिम्बाब्वे को धूल चटाई है। लेकिन दोनों टीमों के बीच 2002 में एक ऐसा मैच हुआ था, जिसमें जिम्बाब्वे के एक खिलाड़ी ने भारत के मुंह से जीत छीन तहलका मचा दिया था। इस खिलाड़ी ने अपने लाजवाब प्रदर्शन से अजीत अगरकर, सौरव गांगुली, संजय बांगर, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले और जहीर खान जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के माथे पर पसीना ला दिया था। आइए इस रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं इस मैच में कैसे जिम्बाब्वे के एक खिलाड़ी ने तूफानी बल्लेबाजी कर भारत के मुंह से जीत छीन ली थी।

कैसा रहा था भारत का प्रदर्शन 

इस मैच में टीम इंडिया की कप्तानी सौरव गांगुली कर रहे थे। उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था। टीम ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए थे। टीम के लिए वीवीएस लक्ष्मण ने 99 गेंदों पर 75 रन की सर्वाधिक पारी खेली थी। वहीं, कप्तान सौरव गांगुली ने भी 70 गेंदों पर 57 रन का स्कोर बनाया था। इसके अलावा अजीत अगरकर ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए महज 19 गेंदों पर ही 40 रन बना डाले थे। जबकि, मोहम्मद कैफ ने 45 गेंद पर 39, दिनेश मोंगिया ने 24 गेंद पर 25 और राहुल द्रविड़ ने 34 गेदों पर 23 रन बनाए थे।

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अच्छी शुरुआत के बाद बिखरा जिम्बाब्वे 

जिम्बाब्वे ने शुरुआती 2 विकेट महज 21 रन पर गंवा दिए। इसके बाद सलामी बल्लेबाज के रूप में मैदान पर टिके एलिस्टर कैंप्बेल और नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने आए एंडी फ्लावर ने लाजवाब पारी खेली। कैंप्बेल ने 113 गेंद पर 84 और एंडी फ्लावर ने 72 गेंद पर 71 रन बनाए। हालांकि इनके विकेट गिरने के बाद जिम्बाब्वे की टीम लगातार विकेट खोती रही। टीम 41.3 ओवर में 200 रन पर अपने 7 विकेट खो बैठी थी। इसमें स्टुअर्ट कैर्लिसल ने 23 और डियोन इब्राहिम ने 10 रन का योगदान दिया था। हालांकि कोई अन्य बल्लेबाज दहाईं का आंकड़ा नहीं छू सका था।

डगलस मार्लियर ने पलट दिया मैच का रुख 

जिम्बाब्वे के लिए नंबर-10 पर बल्लेबाजी करने डगलस मार्लियर क्रीज पर आए। इस समय जिम्बाब्वे को 51 गेंद पर 75 रन की जरूरत थी। दूसरी छोर पर उनके साथ युवा विकेटकीपर बल्लेबाज तेतेंदा तैबू थे। इस बीच डगलस मार्लियर ने ऐसी बल्लेबाजी की, जिसे भारतीय टीम के गेंदबाज आज भी नहीं भूल पाए होंगे। डगलर ने अपनी पारी के दौरान जहीर खान को निशाना बनाया। जहीर खान इस मैच में 4 विकेट हासिल कर चुके थे और बल्लेबाज उनके सामने संघर्ष कर रहे थे। मार्लियर ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए महज 21 गेंद पर ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया और 2 गेंद शेष रहते हुए टीम को जीत दिलाई दी। अपनी इस पारी के दौरान मार्लियर ने 10 चौके और एक शानदार छक्का जड़ा। इस मैच जिताऊ पारी के लिए डगलस मार्लियर को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

शॉट को दिया गया मार्लियर का नाम  

डगलस मार्लियर ने इस मैच में नए शॉट खेले। मार्लियर ने जो शॉट खेले वो इससे पहले किसी भी क्रिकेटर ने नहीं मारे थे। इस क्रिएटिव शॉट को मार्लियर शॉट का नाम दिया गया। बाद में श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान ने भी यही शॉट खेली तो इस शॉट को दिलस्कूप या स्कूप शॉट भी कहा जाने लगा। लेकिन स्कूप शॉट की पहली झलक लोगों ने भारत के खिलाफ खेले गए मैच में डगलस मार्लियर के बल्ले से ही निकलती देखी थी।

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कैसा रहा कैरिअर

डगलस मार्लियर ने जिम्बाब्वे के लिए 5 टेस्ट और 48 वनडे मैच खेले हैं। टेस्ट में उन्होंने 186 और वनडे में 672 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने टेस्ट में 11 और वनडे मैच में 30 विकेट हासिल किए हैं। डगलस मार्लियर ने जिम्बाब्वे के लिए 2000 से 2003 तक क्रिकेट खेला है।

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