डेब्यू मैच में ही इस भारतीय गेंदबाज ने मचाया था धमाल, 36 साल बाद भी कायम है रिकॉर्ड

Narendra Hirwani: क्रिकेट में कहा जाता है कि रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए। लेकिन कुछ ऐसे रिकॉर्ड भी हैं, जो काफी समय से टूटें नहीं है। इसी कड़ी में एक भारतीय खिलाड़ी का रिकॉर्ड पिछले तीन दशकों से कायम है। इस रिकॉर्ड को तोड़ना आज भी कई युवा खिलाड़ियों के लिए सपना है।

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Narendra Hirwani: हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो अपने डेब्यू मैच में शानदार प्रदर्शन करें। बल्लेबाज अपने डेब्यू मैच में शतक लगाना चाहते हैं। वहीं, गेंदबाज डेब्यू मैच में ज्यादा से ज्यादा विकेट लेना चाहते हैं। इस लिस्ट में एक ऐसा भी खिलाड़ी है, जिसका डेब्यू मैच का रिकॉर्ड पिछले तीन दशकों से कोई भी खिलाड़ी तोड़ नही पाया है। उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ना आज भी युवा खिलाड़ियों के लिए एक सपने के जैसा है। इस खिलाड़ी का नाम है नरेंद्र हिरवानी।

16 साल की उम्र में किया था डेब्यू

18 अक्टूबर 1968 को उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में लेग स्पिनर नरेंद्र हिरवानी का जन्म हुआ था। हालांकि बाद में उनका परिवार मध्य प्रदेश के इंदौर में शिफ्ट हो गया था। यहां पर उनकी मुलाकात संजय जगदाले से हुई। संजय जगदाले ने ही उन्हें लेग स्पिन का गुण सिखाया था। संजय जगदाले की देखरेख में उन्होंने केवल 16 साल की उम्र में मध्य प्रदेश की रणजी टीम के लिए डेब्यू किया था।

 

डेब्यू मैच में मचाया धमाल

घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन प्रदर्शन का इनाम उन्हें जल्द ही मिला। उनकी परफॉरमेंस को देखते हुए टीम मैनेजमेंट ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में मौका दिया। उनका डेब्यू मैच चेन्नई में हुआ था। उन्होंने इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं दिया और वो कमाल कर दिया, जिसे आज तक कोई भी दूसरा खिलाड़ी नहीं कर पाया है। अपने डेब्यू मैच की पहली ही पारी में उन्होंने 61 रन देकर 8 विकेट हासिल किए थे। उनका ये जादू दूसरी पारी में भी बरकरार रहा। उन्होंने दूसरी पारी में 15.2 ओवरों में 75 रन देकर 8 विकेट हासिल किए। उनकी शानदार गेंदबाजी की वजह से भारत ने इस मैच को 255 रनों से जीता था। वहीं, नरेंद्र हिरवानी ने डेब्यू मैच में 136 रन देकर 16 विकेट हासिल किए थे।

 

जल्द ही खत्म हो गया था करियर

कहते हैं कि सफलता एक मुकाम तक ही मिलती है। कुछ ऐसा ही हिरवानी के साथ भी हुआ। उनके करियर का आगाज बेहद शानदार था, लेकिन उसका अंत उस ऊंचाई पर नहीं हुआ। एक समय उन्होंने 36 विकेट महज 4 टेस्ट में ही ले लिए थे। लेकिन विदेशों में वो कुछ खास नहीं कर पाए थे। जिस वजह से उनका टेस्ट करियर सिर्फ 17 टेस्ट मैच के बाद ही ठहर गया। उन्होंने 17 टेस्ट मैचों में 66 विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने 18 वनडे भी 23 विकेट अपने नाम किए। अगर उनके फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने 732 विकेट अपने नाम किए।

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