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खाते में IPL, वर्ल्ड कप, चैम्पियंस ट्रॉफी... वो खिताब जो अश्विन की झोली में अब तक नहीं आया

R Ashwin: टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन वैसे तो अपने पूरे करियर में लगभग सभी खिताब जीतने में सफल रहे। लेकिन एक खिताब ऐसा भी है जिससे अब भी उनकी दूरी है।
05:40 PM Dec 18, 2024 IST | Mohan Kumar
R Ashwin
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R Ashwin: भारतीय टीम के दिग्गज गेंदबाज आर अश्विन ने बुधवार को ब्रिस्बेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा कर दी। 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत करने वाले अश्विन ने देश की 14 साल सेवा की। दुनियाभर में कई ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं, जिन्हें अपने करियर में एक बार भी वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला। लेकिन अश्विन इस मामले में लकी रहे, जहां वो करियर की शुरुआत में ही विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे।

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सिर्फ वर्ल्ड कप ही नहीं, अश्विन अपने पूरे करियर में चैम्पियंस ट्रॉफी, आईपीएल, चैम्पियंस लीग, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और तमिलनाडु प्रीमियर लीग का खिताब भी जीतने में सफल रहे। हालांकि एक खिताब ऐसा भी है, जिसे जीतने का इंतजार अश्विन को आज भी है। हम यहां बात कर रहे हैं रणजी ट्रॉफी की, जिससे अब भी अश्विन काफी दूर हैं।


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अश्विन के लिए यादगार है 2013 चैम्पियंस ट्रॉफी

अश्विन को 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप में सिर्फ दो मैच खेलने का मौका मिला। अगले कुछ सालों में ही अश्विन तब के नियमित कप्तान एमएस धोनी के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बन गए। बर्मिंघम में 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में धोनी ने अपने नंबर वन स्पिनर अश्विन की ओर ही रुख किया था। तब इंग्लैंड को आखिरी ओवर में जीत के लिए 15 रन चाहिए थे। अश्विन ने यहां जेम्स ट्रेडवेल और स्टुअर्ट ब्रॉड की जोड़ी को सिर्फ नौ रन बनाने दिए, जिससे भारत यह मैच पांच रनों से जीतने में सफल रहा।

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व्हाइट बॉल फॉर्मेट में अश्विन ने दिखाया दम

भारतीय टीम 2014 से 2019 तक टेस्ट क्रिकेट में टॉप पर रही और इसमें बहुत बड़ा योगदान अश्विन का भी है। घरेलू परिस्थितियों में उनके दबदबे को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका भारतीय टीम में कितना योगदान है। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ गेंद तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि बल्ले से भी उन्होंने कई बार प्रभावशाली योगदान दिया। व्हाइट बॉल फॉर्मेट में अश्विन ने देश के लिए 181 मैच खेले और 228 विकेट चटकाए। उन्होंने यहां 116 वनडे मैच खेले और 33.20 की औसत से 156 विकेट लिए। वह भारत के लिए वनडे में 13वें सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

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