खेल रत्न मामले में मनु भाकर ने तोड़ी चुप्पी, सोशल मीडिया पर कही ये बात
Manu Bhaker: डबल ओलंपिक ब्रांच मेडल विजेता मनु भाकर ने मंगलवार को इस साल के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए अपने नामांकन में हुई चूक को स्वीकार किया। खेल रत्न अवॉर्ड लिस्ट से बाहर होने के विवाद के बीच उन्होंने यह बयान दिया। मनु ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य देश के लिए प्रदर्शन करना है, न कि पुरस्कार पाना।
मनु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी क्या बात रखी?
स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी के रूप में एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर ने कहा कि यह गलती शायद उनकी ओर से नामांकन भरते समय हुई होगी। इस मुद्दे पर खेल मंत्रालय के दखल के बाद, 22 वर्षीय शूटिंग चैंपियन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा, "खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरे नामांकन को लेकर चल रहे मुद्दे पर मैं कहना चाहूंगी कि एक खिलाड़ी के रूप में मेरा काम देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है। मुझे लगता है कि नामांकन में शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई है, जिसे अब सुधारा जा रहा है।"
मनु भाकर ने क्या लिखा?
मनु ने यह भी स्पष्ट किया कि अवॉर्ड और सम्मान उन्हें प्रेरित जरूर करते हैं, लेकिन वे उनके लिए सबसे जरूरी नहीं हैं। उन्होंने लिखा, "पुरस्कार मुझे प्रेरित करते हैं, लेकिन वे मेरे लक्ष्य नहीं हैं। मैं हमेशा अपने देश के लिए और ज्यादा पदक जीतने के लिए प्रेरित रहूंगी, चाहे मुझे कोई पुरस्कार मिले या न मिले। सभी से निवेदन है कि इस पर अटकलें न लगाएं।"
पिता की आलोचना के बाद आया बयान
यह बयान उनके कोच जसपाल राणा और पिता रामकिशन भाकर की आलोचना के बाद आया, जिन्होंने चयन समिति और खेल मंत्रालय पर मनु की उपलब्धियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। पेरिस ओलंपिक में मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट (सारभजोत सिंह के साथ) में कांस्य पदक जीते थे। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता देश का नाम रोशन करना है और वह किसी विवाद में पड़ने से बचना चाहती हैं।