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'इन काफिरों को जल्दी बिठाओ', जब पाक दौरे पर हुआ 'कांड', मोहिंदर अमरनाथ का बड़ा खुलासा

Mohinder Amarnath: भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ने साल 1978 में पाक दौरे को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
02:53 PM Jan 14, 2025 IST | Mohan Kumar
 इन काफिरों को जल्दी बिठाओ   जब पाक दौरे पर हुआ  कांड   मोहिंदर अमरनाथ का बड़ा खुलासा
Ind vs pak Mohinder Amarnath

Champions Trophy 2025: भारत और पाकिस्तान की टीमें जल्द ही चैम्पियंस ट्रॉफी में एक-दूसरे से भिडे़ंगी। दोनों टीमों के बीच यह महामुकाबला 23 फरवरी को दुबई में खेला जाएगा। दोनों टीमें जब भी मैदान पर उतरती हैं तो रोमांच एक अलग ही लेवल पर होता है। दोनों टीमों को लेकर अब भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 1978 में एक पाकिस्तानी क्रिकेटर ने भारतीय खिलाड़ियों को 'काफिर' कहकर बुलाया था।

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बता दें कि 'काफिर' इस्लाम को न मानने वालों के लिए एक अपमानजनक शब्द है। 1978 में टेस्ट सीरीज के लिए पाकिस्तान पहुंचने पर भारतीय क्रिकेटरों का जोरदार स्वागत हुआ था। लेकिन तभी विदेश में पढ़े-लिखे एक पाकिस्तानी क्रिकेटर ने पूरी टीम को 'काफिर' कह दिया, जिससे सभी चौंक गए। हालांकि मोहिंदर अमरनाथ ने अपने संस्मरण 'फियरलेस' में यह टिप्पणी करने वाले खिलाड़ी का नाम नहीं बताया है।


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बस में चढ़ते समय हुआ 'कांड'

उन्होंने लिखा, 'यह घटना रावलपिंडी में एक मैच के बाद हुई। मैच के बाद हम बस में चढ़ते समय थोड़े लापरवाह थे। तभी उस क्रिकेटर ने कहा, 'बिठाओ, बिठाओ, इन काफिरों को जल्दी बिठाओ।' अमरनाथ लिखते हैं, 'अच्छी शिक्षा का क्या फायदा अगर यह दूसरों के लिए उनके नेगेटिव रवैये को नहीं बदल सकती।'

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इसके उलट कराची एयरपोर्ट पर भारतीय क्रिकेटरों का जोरदार स्वागत किया गया। मेहमान टीम का स्वागत करने के लिए लगभग 40-50 हजार लोग आए। भीड़ की संख्या दोगुनी थी, लेकिन कई लोग पहले ही चले गए थे क्योंकि फ्लाइट में देरी हो गई थी।

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जावेद-सरफराज कभी मैदान पर चुप नहीं रहे- मोहिंदर

संस्मरण में कहा गया है, 'यह आर्टिफिशियल बुलबुला उम्मीद से कहीं ज्यादा जल्दी फूट गया और एक नई शत्रुता उभर कर सामने आई। जाहिर है कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने सीनियर्स की सलाह पर काम किया और हमसे अपनी दूरी बनाए रखी। अगर हम उनसे बात करते, तो उनका लहजा और अंदाज आक्रामक होता। उनमें से कम से कम दो जावेद मियांदाद और सरफराज नवाज ने सलाह को थोड़ा ज्यादा गंभीरता से लिया। मुझे नहीं लगता कि जावेद या सरफराज कभी मैदान पर चुप रहे।'

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