हाथ नहीं, पर अर्जुन सा निशाना..., इंडियन आर्मी ने बदल दी जिंदगी, पैरालंपिक में भारत को दिलाएंगी गोल्ड

Sheetal Devi: पेरिस पैरालंपिक 2024 को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस बार भारतीय पैरा-तीरंदाज शीतल देवी से भारतीय फैंस को काफी ज्यादा उम्मीद हैं। उन्होंने 2023 विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।

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Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 की शुरुआत 28 अगस्त से हो रही है। इस बार पेरिस पैरालंपिक में दुनिया भर के लगभग 4,400 एथलीट 22 खेलों में हिस्सा लेंगे। इस बार पैरालंपिक में भारत के 84 पैरा एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल है। इस दल में तीरंदाज शीतल देवी भी हैं। वो इस पैरालंपिक में मेडल जीतने की सबसे बड़ी दावेदारों में से एक हैं। भारतीय पैरा-तीरंदाज शीतल देवी ने अपने जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष किया है।

जानें कौन हैं शीतल देवी

स्पोर्ट्स में बहुत से खिलाड़ियों ने मुश्किलों से लड़कर अपना अलग मुकाम हासिल किया है। इन सभी कहानियों में सबसे अलग कहानी भारतीय पैरा-तीरंदाज शीतल देवी की है। उनका जन्म 2007 में फोकोमेलिया नामक एक दुर्लभ जन्मजात बीमारी के साथ हुआ था। जिस वजह से उनके हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए। शारीरिक चुनौतियों के बाद भी शीतल देवी का मन स्पोर्ट्स में लगता था। उन्हें बचपन में पेड़ पर चढ़ना बहुत पसंद था। इस वजह से उनके अपने शरीर का ऊपरी हिस्सा काफी ज्यादा मजबूत हो गया था। इसका फायदा उन्हें आगे भी मिला।

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इंडियन आर्मी ने बदल दी जिंदगी

भारतीय सेना ने शीतल देवी को 2021 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान खोजा था। इसके बाद उन्हें पैरा तीरंदाज बनाने की कोशिश शुरू हुई। कोचों को शुरुआती कोशिशों में नाकामी हाथ लगी थी। इसके बाद कोचों ने प्रोस्थेटिक्स की मदद ली, लेकिन इससे भी शीतल को कोई फायदा नहीं हुआ।

 

रिसर्च के बाद कोचों को मैट स्टुट्ज़मैन के बारे में पता चला। उनके भी हाथ नहीं थे और वो तीरंदाज थे। उन्होंने लंदन 2012 पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद शीतल देवी पैरों से ही तीरंदाजी करना शुरू किया। वो अब कुर्सी पर बैठती हैं, इसके बाद पैर से धनुष उठाती हैं, फिर दाहिने कंधे से डोरी खींचती हैं और अपने जबड़े की ताकत से तीर छोड़ती हैं।

 

पहले टूर्नामेंट में किया प्रभावित

शीतल देवी ने पैरा तीरंदाजी के दिग्गज स्टुट्ज़मैन की तरह अपने पैरों और पंजों का इस्तेमाल करते हुए मार्च-अप्रैल 2022 में हरियाणा में पैरा तीरंदाजी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के बाद उन्हें भारतीय पैरा तीरंदाज के रूप में औपचारिक मान्यता मिल गई। उन्होंने अपने पहले ही टूर्नामेंट में सभी को प्रभावित किया।

हासिल किया रैंकिंग में पहला स्थान

इसके बाद उन्होंने 2023 विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इसके अलावा उन्होंने एशियाई पैरा खेलों में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता था। अपने इस शानदार प्रदर्शन की दम पर शीतल ने पैरा कंपाउंड तीरंदाजों की रैंकिंग में नंबर 1 स्थान हासिल किया था।

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शीतल देवी के मेडल और उपलब्धियां

  • विश्व तीरंदाजी पैरा चैंपियनशिप 2023 सिल्वर मेडल - महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
  • एशियाई पैरा खेल 2023 गोल्ड मेडल - महिला व्यक्तिगत कम्पाउंड ओपन तीरंदाजी
  • एशियाई पैरा खेल 2023 गोल्ड मेडल - मिश्रित युगल कम्पाउंड ओपन तीरंदाजी
  • एशियाई पैरा खेल 2023 सिल्वर मेडल - महिला युगल कम्पाउंड ओपन तीरंदाजी
  • 2023 में ओपन कैटेगरी में दुनिया की नंबर 1 महिला कंपाउंड पैरा तीरंदाज
  • खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 गोल्ड मेडल - महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन तीरंदाजी
  • अर्जुन पुरस्कार 2023
  • एशियाई पैरालंपिक समिति द्वारा वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट
  • विश्व तीरंदाजी द्वारा वर्ष 2023 की सर्वश्रेष्ठ महिला पैरा तीरंदाज

 

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