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अरशद नदीम ने फेंका 92 मीटर का थ्रो तो क्या सोच रहे थे नीरज चोपड़ा, किया बड़ा खुलासा

Paris Olympics 2024 में नीरज चोपड़ा ने सिल्वर पदक जीतकर इतिहास रचा है। नीरज ने एथलेटिक्स की जैवलिन थ्रो की स्पर्धा में पिछले ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इस बार वह गोल्ड मेडल से चूक गए। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो करके गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। अब नीरज चोपड़ा ने बताया है कि अरशद नदीम के थ्रो के बाद उनके मन में क्या चल रहा था। 

Neeraj Chopra, Arshad Nadeem

Paris Olympics 2024  में एथलेटिक्स की भाला फेंक की स्पर्धा में भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए थे। गोल्ड मेडल पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जीता था। अरशद ने रिकॉर्ड 92 मीटर की दूरी पर भाला फेंका था। अपने दूसरे ही प्रयास में अरशद ने इतनी दूरी पर भाला फेंक कर दूसरे खिलाड़ियों पर दबाव पैदा कर दिया था। भारत के दिग्गज एथलीट नीरज चोपड़ा से इस बारे में सवाल किया गया कि क्या वो दबाव में आ गए थे, तो इस पर नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। नीरज चोपड़ा ने अपने जवाब में बताया कि अरशद के इस थ्रो से क्या फर्क पड़ा था। साथ ही नीरज चोपड़ा ने ये भी बताया कि वह मैदान पर कब वापसी करेंगे और कौन से टूर्नामेंट में वह फिर से अपनी चुनौती पेश करेंगे।

क्या बोले नीरज चोपड़ा 

नीरज चोपड़ा ने अरशद नदीम के थ्रो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'भाला फेंक की स्पर्धा में 3 से 4 मीटर का थ्रो बढ़ना कोई बड़ी बात नहीं है। ये बढ़ ही जाती है। अरशद नदीम की बेस्ट थ्रो 90.18 मीटर थी, जो उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में लगाई थी। मेरी बेस्ट थ्रो 89.94 मीटर की थी। ओलंपिक में अरशद ने जब अचानक से 92.97 मीटर का थ्रो कर दिया तो उन्हें कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वो ये नहीं कर सकते। बस कमी ये थी मैं अपने आपको वहां पर इतना पुश नहीं करक सका। मैं मानसिक तौर पर तैयार था, लेकिन शारीरिक तौर पर मैं खुद को रोक रहा था। मेरे पैर उस तरह से नहीं काम कर रहे थे, जैसे वह आमतौर पर करते हैं। खराब रनिंग के चलते ही मैं फाउल कर रहा था। जैसे-जैसे टाइम बढ़ता चला गया, शारीरिक रुकावट बाधा बनने लगी।

इस लीग से मैदान में करेंगे वापसी

नीरज चोपड़ा ने खुलासा किया कि वह 22 अगस्त से शुूरू होने जा रहे लुसाने डायमंड लीग में खेलेंगे। नीरज ने आगे कहा कि पहले उन्होंने सोचा था कि ज्यूरिख डायमंड लीग और फिर फाइनल डायमंड लीग में हिस्सा लेंगे, लेकिन उन्हें लगता है कि पेरिस ओलंपिक के बाद उनकी इंजरी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। प्रतियोगिता के बाद थोड़ा बहुत इंजरी का बढ़ना स्वभाविक है। हमने सही समय पर इलाज कराया है। पर्सनल ट्रेनर इशान ने जादुई काम किया है। वो कभी भी उन्हें कमजोर महसूस नहीं होने देते हैं। इसलिए उन्हें लगता है कि वह लुसाने डायमंड लीग में खेल सकते हैं। इसलिए वह इस लीग में खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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