साजिश या नियम...ओलंपिक में भारत के खिलाफ गए ये 5 फैसले, जमकर मच रहा बवाल
Paris Olympics 2024 में भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। महिला पहलवान विनेश फोगाट को ओलंपिक के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। विनेश फोगाट आज फाइनल मैच खेलने वाली थीं और भारत का गोल्ड या सिल्वर मेडल उनकी ओर से पक्का माना जा रहा था। लेकिन अब उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है और अब उन्हें किसी भी तरह का मेडल नहीं मिल सकेगा। विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए जाने पर भारत के करोड़ों खेल प्रशंसकों के मन में भारी गुस्सा है। इस ओलंपिक में 5 फैसले ऐसे रहे हैं, जो भारत के खिलाफ रहे हैं। इन फैसलों को देखकर फैंस सवाल खड़े कर रहे हैं कि क्या ये पेरिस ओलंपिक में भारत के खिलाफ साजिश है या फिर ये ओलंपिक के नियम ही हैं, जो भारत के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है।
विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित करना
इस ओलंपिक में भारत के खिलाफ सबसे बड़ा फैसला रहा है कि विनेश फोगाट को फाइनल मैच से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुश्ती की 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मैच के लिए क्वालीफाई किया था। विनेश के फाइनल में पहुंचते ही भारत को गोल्ड या सिल्वर मेडल का पूरा भरोसा हो गया था, लेकिन फाइनल मैच से पहले विनेश फोगाट को निर्धारित वेट कैटेगरी से 100 ग्राम ज्यादा वजन बताकर अयोग्य घोषित कर दिया गया। इससे उनके ओलंपिक में गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने का सपना तो टूटा ही, साथ ही उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से भी हाथ धोना पड़ गया। वह पूरे ओलंपिक से बाहर हो गईं। ओलंपिक संघ के इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा हुआ है।
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निशांत देव के साथ हुई नांइसाफी
इससे पहले भारतीय बॉक्सर निशांत देव को भी पेरिस ओलंपिक में बड़ा झटका लगा था। निशांत देव बॉक्सिंग में पुरुषों की 71 किग्रा भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल मैच में मैक्सिको के मार्को वर्डे से मैच खेलने उतरे थे। इस मैच में निशांत देव ने पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और जीत हासिल की। इसके बाद दूसरे राउंड में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन 3-2 के अंतर से वह इस राउंड में पिछड़ गए। तीसरे राउंड में निशांत ने जोरदार वापसी की थी, लेकिन रेफरी ने मार्को वर्डे को विजेता घोषित कर दिया। इससे निशांत देव हैरान हो गए थे क्योंकि वह अपनी जीत के लिए पूरी तरह से आश्वस्त थे। वर्डे ने इस जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली थी, लेकिन निशांत देव का सफर यहीं पर खत्म हो गया था। इस मैच में भी आरोप लगा था कि भारत के खिलाफ स्कोरिंग की गई है और सोशल मीडिया पर खूब हंगामा मचा था।
हॉकी संघ के फैसले पर विवाद
भारतीय हॉकी टीम इस ओलंपिक के सेमीफाइनल मैच में जर्मनी से 3-2 के अंतर से हार गई है और अब उसे कांस्य पदक के लिए मैच खेलना है। भारत इस बार फाइनल तक पहुंचने की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी लेकिन उसके फाइनल तक न पहुंच पाने की एक वजह भारत के खिलाफ किए गए फैसले भी रहे हैं। भारतीय हॉकी फेडरेशन ने सेमीफाइनल मैच से पहले ही आधिकारिक तौर पर इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी। हॉकी फेडरेशन ने अंपायरिंग और निर्णय लेने की गुणवत्ता के बारे में चिंता जताई थी।
भारत ने जो लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, उसमें कहा गया था कि अंपायर वीडियो रिव्यू को लेकर हॉकी इंडिया संतुष्ट नहीं है। खास तौर पर रेड कार्ड को लेकर दिए गए फैसले के कारण हॉकी इंडिया का VAR पर से भरोसा उठ गया है। इसके अलावा भारत ने शिकायत दर्ज कराई थी कि क्वार्टर फाइनल मैच में ग्रेट ब्रिटेन के गोलकीपर को शूट-आउट के दौरान गोलपोस्ट के पीछे से कोचिंग मिल रही थी। वहीं, शूटआउट के बीच गोलकीपर वीडियो टेबलेट का भी इस्तेमाल कर रहा था।
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अमित रोहिदास रेड कार्ड विवाद
भारतीय हॉकी टीम के स्टार मुख्य डिफेंडर अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ खेले गए मैच में अंपायर ने रेड कार्ड दिखा दिया था। इससे वह पूरे मैच के दौरान बाहर बेंच पर बैठे रहे। भारत ने इस पूरे मैच को एक खिलाड़ी कम यानी 10 ही खिलाड़ियों के साथ खेला। हालांकि टीम इंडिया ने इस मैच को शूटआउट में 4-2 से अपने नाम कर लिया, लेकिन अमित रोहिदास पर हुए एक्शन पर लगातार सवाल उठते रहे। इस मैच के खत्म हो जाने के बाद टीम इंडिया सेमीफाइनल मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरती उससे पहले ही फेडरेशन ऑफ हॉकी ने अमित रोहिदास पर एक मैच का प्रतिबंद लगा दिया। इस फैसले के कारण अमित रोहिदास सेमीफाइनल मैच नहीं खेल सके और भारत को इसका खामियाजा भुगतना पड़ गया। टीम जर्मनी से सेमीफाइनल में 3-2 से मैच हार गई। टीम इंडिया के खिलाफ गए इस फैसले पर भी सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा।
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लक्ष्य सेन का रद्द हुआ मैच
भारत के स्टार शटलर लक्ष्य सेन को पेरिस ओलंपिक में बड़ा झटका लगा। उन्होंने अपने पहले मैच में ग्वाटेमाला के केविन कॉर्डन को हराकर अपने अभियान की शुरुआत की। इसके बाद इस मैच को रद्द कर दिया गया क्योंकि ग्वाटेमाला के खिलाड़ी ने चोट के कारण ओलंपिक से बाहर होने का फैसला ले लिया। लक्ष्य सेन ने पहला मैच जीता उसके बावजूद उन्हें फिर से मैच खेलना पड़ा। ग्रुप स्टेज में जहां सभी शटलर 2-2 मैच खेलकर क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे तो वहीं भारतीय शटलर लक्ष्य सेन को 3 मैच खेलने पड़े। हालांकि, लक्ष्य सेन सेमीफाइनल मैच में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए। लक्ष्य सेन के खिलाफ गए इस फैसले पर भी सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा था।
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