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ट्रैक्टर के गियर से हॉकी स्टिक तक..., जानें कौन हैं भारत के नए 'फ्लिकर सिंह', पेरिस ओलंपिक में मचा दिया धमाल

Paris Olympics 2024: भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपनी दूसरी जीत दर्ज की है। भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया है। इस मैच में भी भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह संकटमोचक की भूमिका में रहे। उन्होंने दो गोल किए।
08:42 PM Jul 30, 2024 IST | News24 हिंदी
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Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने आयरलैंड को 2-0 से हरा दिया है। इस मुकाबले में भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने दो गोल किए हैं। उनके शानदार प्रदर्शन की दम पर भारत ने इस मैच में जीत हासिल की है। टीम इंडिया ने पहले मैच में न्यूजीलैंड को हराया था। इसके बाद भारत ने अर्जेंटीना के साथ ड्रॉ खेला था। हरमनप्रीत इस ओलंपिक में भारत के लिए अभी तक 5 गोल कर चुके हैं। वो भारत की जीत और हार का अंतर रहे हैं। तो आइये जानते हैं टीम इंडिया के नए 'फ्लिकर सिंह' के बारे में।

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अमृतसर में हुआ था जन्म

पंजाब के अमृतसर के जंडियाला गुरु बस्ती में 6 जनवरी, 1996 को हरमनप्रीत सिंह का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम सरबजीत सिंह है और पेशे से वो एक किसान हैं। हरमनप्रीत बचपन में खेती में अपने पिता की मदद करते थे। इस दौरान वो ट्रैक्टर चलाते थे। बचपन से ही ट्रैक्टर के गियर बदलने और स्टीयरिंग कंट्रोल करने की वजह से उनकी कलाई काफी ज्यादा मजबूत हो गई थी। इसका फायदा उन्हें आगे खेल में भी मिला। तब शायद उन्हें नहीं पता था कि गियर स्टिक आगे चल कर हॉकी स्टिक में बदल जाएगी।

 

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जूनियर लेवल पर मचा दी थी तबाही

बचपन से ही उन्हें हॉकी में दिलचस्पी थी। अपने गेम और ज्यादा बेहतर करने के लिए वो जालंधर के सुरजीत एकेडमी में शामिल हो गए। यहां पर गगनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह जैसे दिग्गजों ने उनके खेल को निखारा। ये दोनों ही दिग्गज पेनल्टी कॉर्नर के स्पेशलिस्ट माने जाते थे। इस दौरान जूनियर कोचों की नजर उन पर पड़ी। भारतीय जूनियर हॉकी टीम के पूर्व कोच हरिंदर सिंह ने उन्हें देख कर कहा था, 'वो हरमनप्रीत को दो साल में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर बन सकते हैं'।

 

सुल्तान जोहोर कप 2011 में उन्होंने जूनियर नेशनल टीम के लिए डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कभी पलटकर नहीं देखा। वो मैदान पर गोलों की झड़ी लगाते चले गए। उन्होंने सुल्तान जोहोर कप में 2014 प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड जीता था। इसके अलावा मलेशिया में यूथ टूर्नामेंट में उन्होंने 9 गोल कर दागे थे। उन्हें 3 मई, 2015 को सीनियर टीम के लिए डेब्यू करने का मौका मिला।

 

सीनियर टीम में भी दिखाया दम

टोक्यों ओलंपिक में उन्होंने भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल किए थे। उन्होंने छह गोल दागे थे। 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने 9 गोल किए थे। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने एशियन गेम्स 2023 में गोल्ड जीता था। एशियन गेम्स में भी उन्होंने भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल किए थे।

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