'लौट आओ विनेश, जिंदगी यहीं खत्म नहीं'...भारत की बेटी के पक्ष में उतरा ये गोल्ड मेडलिस्ट, कह दी बड़ी बात
Paris Olympics: भारत की बेटी विनेश फोगाट को जापान के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रि हिगुची का समर्थन मिला है। रि हिगुची पेरिस ओलंपिक में पुरुषों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। रि ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट डालकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। रि ने अपनी आपबीती भी साझा की है। जिसमें बताया है कि कैसे सिर्फ 50 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उनको टोक्यो ओलंपिक से बाहर कर दिया गया था? भारत की बेटी को इस बार 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण डिस्क्वालीफाई किया गया है।
तय थी विनेश की जीत!
शनिवार को गोल्ड मेडलिस्ट रि ने विनेश फोगाट से आग्रह किया कि वे अपने संन्यास का फैसला वापस ले लें। बुधवार को विनेश को मुकाबले से ठीक पहले बाहर किया गया था। विनेश को महिलाओं के 50 किलोग्राम भार वर्ग के फ्री स्टाइल फाइनल मुकाबले में खेलना था। देश उनका मेडल पक्का मानकर चल रहा था। लेकिन जब उनका वजन मापा गया तो 100 ग्राम अधिक निकला। 29 वर्षीय विनेश पहली ऐसी महिला पहलवान बन गईं, जिनको अनोखे कारण से डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। इतना ही नहीं, उनको कोई मेडल नहीं दिया गया। इससे ठीक 24 घंटे पहले विनेश ने वजन कम करने के लिए काफी जीतोड़ प्रयास किए थे।
लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। जिसके बाद विनेश को निर्जलीकरण से उबरने के लिए अस्पताल में भी दाखिल होना पड़ा। विनेश ने कुश्ती जगत से संन्यास लेने का ऐलान किया है। अब भारतीय पहलवान के समर्थन में हिगुची उतरे हैं। रि बताते हैं कि टोक्यो ओलंपिक में उनको प्री मैच वेट इन के दौरान सिर्फ 50 ग्राम वजन अधिक होने के कारण निकाल दिया गया था। लेकिन हार नहीं मानी और पेरिस में गोल्ड जीतकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। उन्होंने अमेरिका के स्पेंसर रिचर्ड अली को 4-2 से धूल चटाकर मुकाबला जीता है।
मैं आपका दर्द समझता हूं...
रि ने ट्वीट किया है कि विनेश, मैं आपका दर्द समझता हूं। वही 50 ग्राम। लोग क्या कहते हैं? इसकी चिंता न करें। जिंदगी चलती रहती है, असफलता से पार पाना ही असली खूबसूरती है। आप आराम करें। विनेश और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने संयुक्त रजत पदक दिए जाने की अपील कर रखी है। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) क्या फैसला देता है? इसका इंतजार पूरे देश को है। विनेश ने वर्चुअली मीटिंग में हिस्सा लिया है। वहीं, विनेश की ओर से उनके दो वकील हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया ने उनका पक्ष रखा है। बता दें कि सिंघानिया पहले भी कई एथलीटों के लिए लड़ाई लड़ चुके हैं। भारतीय ओलंपिक संघ को उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा।
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