खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Paris Olympics: 1-1 से मुकाबला रहा टाई तो कैसे हार गईं रीतिका हुड्डा? जान लें रेसलिंग का ये नियम

Paris Olympics Reetika Hooda Medet Kyzy: रीतिका हुड्डा को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 1-1 से स्कोर बराबर होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
06:09 PM Aug 10, 2024 IST | Pushpendra Sharma
Reetika Hooda

Paris Olympics Reetika Hooda Medet Kyzy: पेरिस ओलंपिक में भारत की 21 साल की रेसलर रीतिका हुड्डा बेहतरीन लय में नजर आ रही थीं। उन्होंने 76 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन किर्गिस्तान की रेसलर मेडेट काइजी से हार गईं। क्वार्टर फाइनल में रीतिका ने बेहतरीन शुरुआत की। वह शुरू से ही हावी नजर आ रही थीं। उन्होंने दूसरे ही मिनट में एक पॉइंट लेकर बढ़त हासिल कर ली, लेकिन मेडेट काइजी ने थोड़ी ही देर में 1 पॉइंट हासिल कर इस बढ़त को बराबर कर दिया। आखिरकार मुकाबला 1-1 पर खत्म हुआ और काइजी विनर मान ली गईं। अब सवाल ये कि अगर मुकाबला टाई रहा तो रीतिका हुड्डा कैसे हार गईं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं नियम...

पैसिविटी पॉइंट में खा गईं मात

दरअसल, मेडेट काइजी ने दूसरे राउंड में 'पैसिविटी पॉइंट' हासिल किया था। फ्री स्टाइल कुश्ती में एक पहलवान को पैसिविटी पॉइंट तब दिया जाता है जब विरोधी पहलवान में आक्रामकता की कमी हो या वह निष्क्रिय हो जाए। इसमें विरोधी पहलवान को रेफरी से मौखिक चेतावनी मिलती है। इसके बावजूद वह वही रुख अपनाए रहता है तो सामने वाले 30 सेकंड की स्कोरिंग विंडो जारी की जाती है। अगर इस समय में कोई भी पहलवान स्कोर नहीं कर पाता है, तो निष्क्रिय पहलवान के प्रतिद्वंद्वी को एक तकनीकी पॉइंट दिया जाता है। काइजी ने इसी के तहत पैसिविटी पॉइंट हासिल किया था।

काउंटबैक नियम से मिली हार

आसान शब्दों में कहें तो पैसिविटी पॉइंट हमलावर पहलवान को तब दिया जाता है जब उसका प्रतिद्वंद्वी कुश्ती से बचता है या पकड़ बनाने से इंकार कर देता है। रीतिका के मैच में इसका फायदा काइजी को मिला, क्योंकि बाद के राउंड में रीतिका अटैकिंग मोड में नजर नहीं आ रही थीं। रीतिका ने अपने खेल के दौरान कई बचाव किए, लेकिन वह 'काउंटबैक नियम' के कारण हार गईं। इस नियम के मुताबिक, बराबरी की स्थिति में जो पहलवान आखिरी अंक जीत लेता है, वह मुकाबला जीत जाता है। इसलिए मुकाबला 1-1 से बराबर होने के बावजूद रीतिका मुकाबला हार गईं।

ये भी पढ़ें: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले टीम इंडिया का पूरा शेड्यूल, जाने कब और किस टीम के साथ होंगे मैच

मेडेट काइजी के हाथ में रीतिका हुड्डा की किस्मत 

अब रीतिका की किस्मत उन्हें हराने वाली रेसलर मेडेट काइजी के हाथों में है। अगर काइजी सेमीफाइनल मुकाबला जीतकर फाइनल में जगह बना लेती हैं तो रीतिका को ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका मिल सकता है। वह रेपेचेज राउंड में जाएंगी। जहां से जीत दर्ज कर वह ब्रॉन्ज मेडल तक का सफर तय कर सकती हैं। आपको बता दें कि भारत के कई पहलवानों ने रेपेचेज के जरिए ही ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीता है। इनमें इनमें सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया का नाम शामिल है।

ये भी पढ़ें:- ‘लौट आओ विनेश, जिंदगी यहीं खत्म नहीं’…भारत की बेटी के पक्ष में उतरा ये गोल्ड मेडलिस्ट, कह दी बड़ी बात

Open in App Tags :
Paris Olympicsparis olympics 2024Reetika Hooda