Bhavina Patel: लापरवाही की वजह से खराब हुए पैर..., टोक्यो में पिछली बार जीता था सिल्वर, इस बार गोल्ड से कम कुछ नहीं
Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक गेम्स की ओपनिंग सेरेमनी को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस बार सभी की निगाह पैरा टेबल टेनिस पर टिक गई है। फैंस यह देखने के लिए बेताब हैं कि इस बार भी पेरिस में इस खेल में चीन का दबदबा खत्म होगा या नहीं। भारत की भाविना पटेल ने टोक्यो में सिल्वर मेडल जीता था। इस बार उनकी निगाह गोल्ड मेडल पर हैं। उन्होंने टोक्यो में महिला एकल वर्ग 4 के फाइनल में पहुंचकर सभी को हैरान कर दिया था। हालांकि फाइनल में उन्हें चीन की यिंग झोउ से हार का सामना करना पड़ा था।
एक 'गलती' ने बदल दी भाविना की जिंदगी
गुजरात के मेहसाणा जिले में भाविना पटेल का जन्म 6 नवंबर 1986 को हुआ था। जब वो सिर्फ एक साल की थी, तब उन्हें पोलियो हो गया था। मिडिलक्लास परिवार से आने वाली भाविना का बहुत इलाज हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई। पांच लोगों के परिवार में इकलौते कमाने वाले पिता के पास पैसे नहीं थे कि वो ज्यादा इलाज करा पाए। हालांकि बाद में विशाखापट्टनम में उनकी सर्जरी हुई थी। इसके बाद उम्मीद की जा रही कि वो ठीक हो जाएगी, लेकिन भावना ने अपने रिहैब पर ध्यान नहीं दिया।
फिटनेस बनाए रखने के लिए सीखा था टेबल टेनिस
फिटनेस बनाए रखने के लिए भाविना ने 2004 में टेबल टेनिस सीखा था। इसके बाद वो टेबल टेनिस में पारंगत हो गईं। वो अपने करियर में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं। वो इस समय रैंकिंग में क्लास 4 में विश्व नंबर 4 और व्हीलचेयर श्रेणी में महिलाओं में नंबर 8 पर हैं। भाविना इस समय शानदार फॉर्म में चल रही हैं।
टोक्यो में रच दिया था इतिहास
टोक्यों पैरालंपिक खेलों में भाविना पटेल ने भारत के लिए टेबल टेनिस एकल क्लास 4 में इतिहास रच दिया था। उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। उन्होंने 2016 रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता सर्बिया की बोरिसलावा पेरिच रांकोविच को सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। इसके बाद सेमीफाइनल में चीन की झांग मिआ को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि फाइनल में वो चीन की यिंग झोउ से तीन गेम में 11-7, 11-5, 11-6 से हार गई थीं। भाविना पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए मेडल जीता है।