मनु से पहले भारत की इस बेटी ने खेलों के महाकुंभ में जीते थे दो मेडल, पेरिस पैरालंपिक में भी तिरंगा लहराने को तैयार

Paris Peralympics 2024: अवनि लेखरा महज 12 साल की उम्र में पैरालिसिस का शिकार हो गई थी। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और टोक्यो पैरा ओलंपिक में इतिहास बना दिया था। उन्होंने शूटिंग में एक गोल्ड और ब्रॉन्ज जीता था।

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Paris Peralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 का आगाज हो गया है। इस बार पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की तरफ से 84 पैरा एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं। पिछली बार टोक्यो में भारत ने 19 पदक जीते थे। इस बार भारतीय एथलीट्स अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर करना चाहेंगे। इस बार अवनि लेखरा (Avani Lekhara) से करोड़ों भारतीयों को पदक की उम्मीद है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

12 साल की उम्र में हुई दुर्घटना

अवनि लेखरा का जन्म 8 नवंबर 2001 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था। वो एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं, जहां पर पढ़ाई और शिक्षा दोनों को महत्व दिया जाता है। हालांकि 2012 में उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया था। एक कार एक्सीडेंट में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी। इस वजह से उन्हें पैरालिसिस हो गया। इस हादसे ने अवनि के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।

पिता बने सहारा

इस दुर्घटना के बाद अवनि का आत्मविश्वास टूटने लगा था। ऐसे हालात में उनके पिता ने उन्हें पैरा खेलों की तरफ जाने के लिए प्रोत्साहित किया। अवनि के पिता चाहते थे कि वो तीरंदाजी में अपना करियर में बनाए, लेकिन उन्होंने शूटिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

 

टोक्यो में रचा इतिहास

अवनि लेखरा ने साल 2020 पैरा ओलंपिक में इतिहास रच दिया था। उन्होंने 2020 पैरा ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिग में गोल्ड और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस दौरान वो रैंकिंग में भी नंबर 1 थी। अवनि लेखरा, एक ही पैरा ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।

 

अपने शानदार प्रदर्शन के लिए अवनि को 2021 और 2022 में कई अवार्ड्स मिले थे। इसमें खेल रत्न, यंग इंडियन ऑफ द ईयर, पद्मश्री और पैरा एथलीट ऑफ द ईयर जैसे अवार्ड्स शामिल हैं।

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