350 महिलाओं से संबंध, 10 पत्नियां, एक राजा जिसने खड़ा किया भारतीय क्रिकेट का 'साम्राज्य'
Patiala Maharaja Bhupinder Singh: भारतीय क्रिकेट की आज दुनिया में तूती बोलती है। पैसे के मामले में भी वह दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) में उसकी सबसे ज्यादा चलती है, लेकिन एक समय ऐसा था जब दुनिया में इंग्लैंड क्रिकेट की धाक थी। फिर एक राजा ने इसकी कमान संभाली। हम बात कर रहे हैं पटियाला के पूर्व महाराज सर भूपिंदर सिंह की। जिन्होंने न सिर्फ पटियाला की सत्ता संभाली, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सह-संस्थापक भी रहे। हालांकि उनका निजी जीवन काफी विवादित रहा।
सिर्फ 9 साल की उम्र में बन गए थे राजा
कहा जाता है कि पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह सभी भारतीय राजघरानों में सबसे ज्यादा खर्चीले थे। उनकी शानो-शौकत की दुनियाभर में चर्चा होती थी। बता दें कि पटियाला पैग और पटियाला नैकलेस जैसी चर्चित चीजों की शुरुआत भूपिंदर सिंह ने ही की थी। फुलकियन राजवंश के जाट सिख भूपिंदर सिंह 1891 में महज नौ साल की उम्र में ही राजा बन गए थे। उनके राजशाही शौक की कई बार चर्चा होती है। लैरी कोलिन्स और डोमिनिक लैपियर ने अपनी बुक 'फ्रीडम एट मिडनाइट' में उनकी लग्जरी लाइफ का जिक्र किया है। इसमें लिखा है कि वह एक दिन में करीब 9 किलो खाना खा सकते थे। उनकी एक समय की खुराक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह चाय के समय नाश्ते के तौर पर दो मुर्गियां खा जाते थे।
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350 महिलाओं से संबंध
भूपिंदर सिंह खाने-पीने के शौकीन थे। इसके अलावा कहा जाता है कि उनके 350 महिलाओं से संबंध थे। जिनसे वह हरम में संबंध बनाते थे। इन महिलाओं से 88 बच्चे पैदा हुए। इसके साथ ही उन्होंने 10 शादियां की थीं। जिसमें राजमाता विमला कौर उनकी पसंदीदा पत्नी थीं। दोनों को दुनियाभर में कई यात्राओं पर एक साथ देखा गया। भूपिंदर सिंह के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने इन महिलाओं के रूप-रंग को अपनी पसंद के अनुसार बदलने के लिए फ्रांसीसी और ब्रिटिश प्लास्टिक सर्जनों की एक टीम नियुक्त कर रखी थी। जिससे जब चाहे वह अपनी फैंटेसी को पूरा कर सकें। भूपिंदर सिंह के बारे में जेम्स शेरवुड ने 'हेनरी पूल एंड कंपनी' बुक में लिखा- ऐसा कहा जाता था कि महाराजा अपने हरम में नग्न महिलाओं को स्विमिंग पूल के चारों ओर खड़ा कर देते थे। उनके बेडरूम की छत पर कामुक मूर्तियां भी लगाई गईं थीं। 12 अक्टूबर 1891 को जन्मे भूपिंदर सिंह की 23 मार्च 1938 को 47 की उम्र में मौत हो गई थी। उन्होंने करीब 38 साल तक पटियाला पर राज किया।
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क्रिकेट से प्यार, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान
भूपिंदर सिंह भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और खेल संरक्षक थे। वह दोनों भूमिकाओं में विख्यात थे। सिंह 1911 में इंग्लैंड का दौरा करने वाली टीम इंडिया के कप्तान थे। उन्होंने 1915 और 1937 के बीच अपने करियर में 27 फर्स्ट क्लास मैच खेले। साल 1926/27 के सीजन के लिए वे इंग्लैंड के प्रसिद्ध मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के सदस्य के रूप में खेले। उन्हें 1932 में इंग्लैंड ने अपने पहले टेस्ट दौरे पर भारत का कप्तान चुना था, लेकिन इंग्लैंड रवाना होने से दो सप्ताह पहले वह स्वास्थ्य खराब होने की वजह से बाहर हो गए। उनके बाहर होने के बाद पोरबंदर के महाराजा नटवरसिंहजी भावसिंहजी ने भारत की कप्तानी संभाली। भूपिंदर सिंह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सह-संस्थापक थे। उन्होंने नवानगर के रणजीत सिंह के सम्मान में रणजी ट्रॉफी दान की थी।
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