'विराट कप्तान होते, तो नहीं होता अश्विन का संन्यास', क्या है पूरी कहानी?
Ravichandran Ashwin Retirement: भारतीय टीम इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है। जहां बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में दोनों टीमों के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। सीरीज के तीसरे मैच के बाद टीम इंडिया के दिग्गज स्पिन गेंदबाज आर अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया। वहीं अश्विन के संन्यास को लेकर दुनियाभर से क्रिकेटर्स और फैंस के रिएक्शन भी सामने आ रहे हैं। कई क्रिकेटर्स का मानना है कि अगर विराट कोहली कप्तान होते तो अश्विन ऐसे सीरीज के बीच में कभी संन्यास न लेते।
बासित अली का बड़ा बयान
आर अश्विन ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बीच संन्यास लेकर पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया। जिसके बाद अश्विन के संन्यास को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर अश्विन ने सीरीज भी पूरी होने का इंतजार क्यों नहीं किया? जिसपर हर किसी की अपनी अलग-अलग राय है। वहीं अश्विन के संन्यास को लेकर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने कहा कि, "मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं अगर विराट कोहली टीम इंडिया का कप्तान होते तो वे अश्विन को सीरीज के बीच में कभी संन्यास लेने नहीं देते। क्योंकि सीरीज के सिडनी टेस्ट में भारत को अश्विन की जरूरत होती, इसलिएल विराट उनसे दो मैचों के बाद इसकी घोषणा करने के लिए कहते।"
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क्या रोहित-गंभीर नहीं मना पाए?
बासित अली का कहना है कि "शायद कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा आर अश्विन को मना नहीं पाए, लेकिन अगर रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ भी होते तो शायद वे अश्विन को मना लेते। निश्चित रूप से टीम इंडिया को अगले दो टेस्ट मैच खासकर सिडनी में अश्विन की जरूरत थी।"
अश्विन के नाम 537 टेस्ट विकेट
आर अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में कमाल की गेंदबाजी की थी। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 106 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें गेंदबाजी करते हुए अश्विन ने 537 विकेट चटकाए थे। अनिल कुंबले के बाद अश्विन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय स्पिन गेंदबाज हैं।
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