सिर्फ 1 बॉल पर खत्म हो गया इस क्रिकेटर का करियर, स्टेडियम में पत्नी से हो गई गलती
Shortest Cricket Career Roy Park: क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं, जिनका करियर बेहद छोटा रहा है, लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी क्रिकेटर का करियर सिर्फ 1 बॉल पर खत्म हो गया हो! जी हां, ऐसा हो चुका है। दरअसल, एक क्रिकेटर का किस्सा क्रिकेट के इतिहास में काफी मशहूर है। इस क्रिकेटर का नाम है- रॉय लिंडसे पार्क। ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर रॉय पार्क न सिर्फ क्रिकेट, बल्कि फुटबॉल के भी बेहतरीन खिलाड़ी रहे। आइए जानते हैं उनका करियर सिर्फ एक बॉल पर कैसे खत्म हो गया।
पेशे से डॉक्टर, फुटबॉल प्लेयर भी थे रॉय
रॉय लिंडसे क्रिकेटर होने के साथ पेशे से डॉक्टर थे। वह विक्टोरियन फुटबॉल लीग में भी खेले। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के दौरान ऑस्ट्रेलियाई इंपीरियल फोर्स में भी काम किया। दाएं हाथ के शानदार बल्लेबाज पार्क ने वेस्ले कॉलेज में ही अपनी क्रिकेट की प्रतिभा दिखानी शुरू कर दी थी। वह साउथ मेलबर्न क्रिकेट क्लब और विक्टोरियन क्रिकेट एसोसिएशन का हिस्सा रहे। इस ओपनिंग बैट्समैन ने घरेलू क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कैप्टन बिल वुडफुल के साथ 315 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप की थी।
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एक बार चमकी किस्मत, दूसरी बार दिया धोखा
घरेलू क्रिकेट में उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे (1914-15) के लिए वारविक आर्मस्ट्रांग के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम में चुना गया। डॉ. रॉय पार्क को दूसरे एशेज टेस्ट (1920-21) में चार्ल्स मैकार्टनी की जगह शामिल किया गया था। मैकार्टनी चोट के कारण बाहर हो गए तो लोकल बॉय रॉय की किस्मत चमकी और उन्हें डेब्यू करने का मौका मिल गया, लेकिन अगले ही दिन रॉय की किस्मत ने धोखा दे दिया। वह नंबर 3 पर खेलने उतरे और पहली ही गेंद पर बोल्ड हो गए। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में एक पारी से जीत हासिल की। इसके बाद पार्क को कभी बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। उसके बाद उन्होंने अपना करियर मेडकिल फील्ड में ही आगे बढ़ाया। फर्स्ट क्लास में 36 मैचों में 39.28 के औसत से उन्होंने 2514 रन बनाए। जिसमें 9 शतक और 10 अर्धशतक शामिल थे।
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अहम मौके को देखने से चूक गईं पत्नी
पार्क से जुड़ा एक किस्सा काफी मशहूर है। कहा जाता है कि पार्क की पत्नी MCG में उनका डेब्यू मैच देखने गई थीं। जब उन्होंने पार्क को बल्लेबाजी के लिए जाते हुए देखा, तो वह बुनाई कर रही थीं। शायद उन्हें नहीं पता था कि शानदार बल्लेबाजी करने वाले पार्क पहली ही गेंद पर बोल्ड हो जाएंगे। जैसे ही पार्क ने पहली गेंद खेली, उसी समय पत्नी के हाथ से ऊन गिर गई। जैसे ही वह इसे उठाने के लिए नीचे झुकीं, उसी समय पार्क बोल्ड हो गए और इस तरह वह अपने पति का इंटरनेशनल करियर देखने से चूक गईं। उन्होंने 1919-20 में विक्टोरिया के लिए 83.71 के औसत से 586 रन बनाए। इकलौता इंटरनेशनल टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्होंने पहले चार सेशन में 12 मैच खेले। उन्होंने 30 जनवरी 1925 को आखिरी आखिरी मुकाबला खेला। वह 'लिटिल डॉक' के नाम से मशहूर रहे।
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