BCCI का गुस्सा झेल चुके भारतीय बल्लेबाज ने खत्म किया 3 साल का सूखा, रणजी क्रिकेट में जड़ा धांसू शतक
Ranji Trophy 2024: टीम इंडिया से बाहर चल रहे स्टार बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने शनिवार को मुंबई और महाराष्ट्र के बीच रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड के मैच में तीन साल में अपना पहला फर्स्ट क्लास शतक जड़ दिया। मैच में कप्तान अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद खेलते हुए अय्यर ने युवा ओपनर आयुष म्हात्रे संग मिलकर टीम को संभाला। दोनों खिलाड़ियों के बीच 200 से ज्यादा रनों की पार्टनरशिप हुई, जिसके दम पर टीम ने 300 का स्कोर पार किया। श्रेयस के शतक के दम पर मुंबई को अब तक दो सौ से ज्यादा रनों की लीड हासिल हो चुकी है।
अय्यर ने 131 गेंदों में अपनी 101 रनों की नाबाद पारी के दौरान नौ चौके और तीन छक्के जड़े। इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज खेलने वाले श्रेयस फिलहाल नेशनल टीम से बाहर चल रहे हैं। महाराष्ट्र के खिलाफ शतक के दम पर अय्यर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतक का लंबा सूखा खत्म कर दिया है। 29 साल के इस बल्लेबाज ने फर्स्ट क्लास में अपना आखिरी शतक नवंबर 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था। उनके नाम अब फर्स्ट क्लास क्रिकेट में छह हजार से ज्यादा रन हो गए हैं।
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क्या न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में जीत दर्ज कर पाएगी टीम इंडिया?
- हां
- नहीं
- कह नहीं सकते
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लंबे समय से शांत था अय्यर का बल्ला
बता दें कि 2024-25 के घरेलू क्रिकेट सीजन की शुरुआत से ही अय्यर का प्रदर्शन खराब रहा है। दलीप ट्रॉफी में अय्यर ने छह पारियों में केवल 154 रन बनाए, जिसमें दो फिफ्टी शामिल हैं। मुंबई के लिए अगले ईरानी कप मुकाबले में अय्यर ने दो पारियों में 57 और 8 रन बनाए। इसके बाद पिछले हफ्ते बड़ौदा में रणजी ट्रॉफी के शुरुआती राउंड के मैच में अय्यर अपना खाता भी नहीं खोल सके थे।
इस साल अय्यर को नहीं मिली थी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह
अय्यर पिछले साल सभी फॉर्मेट में भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे। मुंबई के इस खिलाड़ी ने अक्टूबर-नवंबर में भारत में हुए वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने दो शतक और तीन फिफ्टी सहित 468 रन बनाए थे और वे स्टार खिलाड़ियों में से एक थे। हालांकि टेस्ट मैचों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन उन्हें लंबे समय तक मौका दिया गया। आखिरकार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। उन्हें इस साल फरवरी में बीसीसीआई के गुस्से का भी शिकार होना पड़ा था, जहां उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह नहीं दी गई थी।
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