बोर्ड के इस नियम से खुश नहीं है विराट कोहली, नाम लिए बिना बोली ये बड़ी बात
Virat Kohli: पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का मानना है कि लंबे दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ उनके परिवार का होना जरूरी है, क्योंकि इससे मैदान पर कठिन समय का सामना कर रहे खिलाड़ियों को संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
कोहली ने कहा, "यह समझाना बहुत कठिन है कि जब कोई खिलाड़ी मुश्किल दौर से गुजर रहा होता है, तो परिवार के पास लौटने से उसे कितना संतुलन मिलता है। मुझे नहीं लगता कि लोग इस बात का पूरी तरह से एहसास कर पाते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण है। परिवार का क्रिकेट पर कोई नियंत्रण नहीं होता, लेकिन फिर भी उन्हें चर्चा में लाया जाता है और दूर रखने की बात कही जाती है।"
BCCI ने जारी किया था नया दिशा-निर्देश
ऑस्ट्रेलिया में भारत की हालिया 3-1 टेस्ट सीरीज हार के बाद बीसीसीआई ने एक नया दिशा-निर्देश जारी किया, जिसमें दौरों के दौरान खिलाड़ियों के परिवार के साथ बिताए जाने वाले समय को सीमित कर दिया गया। इस निर्देश के अनुसार, केवल 45 दिन से अधिक लंबे दौरों में ही खिलाड़ियों के निकटतम पारिवारिक सदस्य पहले दो सप्ताह के बाद उनके साथ जुड़ सकते हैं और वे अधिकतम 14 दिनों तक ही रुक सकते हैं। वहीं, छोटे दौरों में खिलाड़ी के परिवार को केवल एक सप्ताह तक साथ रहने की अनुमति दी गई है।
विराट कोहली ने कही ये बात
कोहली ने कहा, "अगर आप किसी भी खिलाड़ी से पूछें कि क्या वह चाहता है कि उसका परिवार हमेशा उसके साथ रहे, तो जवाब होगा-हां। कोई भी अपने कमरे में अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। हम सामान्य बने रहना चाहते हैं, जिससे खेल को एक जिम्मेदारी की तरह देखा जा सके। जब आप अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेते हैं, तो फिर जीवन की ओर लौट आते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि आप अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, फिर अपने घर लौटते हैं, परिवार के साथ समय बिताते हैं और एक सामान्य पारिवारिक जीवन जीते हैं। मेरे लिए यह वास्तव में खुशी का पल होता है। मैं कभी भी इस अनुभव को खोना नहीं चाहता कि अपने परिवार के साथ समय बिताने का अवसर न मिले।"