16 साल की उम्र में जब शाहिद अफरीदी ने दुनिया को चौंकाया, सचिन के बल्ले से जड़ दिया तूफानी शतक
Shahid Afridi Record Breaking Century: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। दुनिया उन्हें 'बूम-बूम अफरीदी' के नाम से भी जानती है। दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक रहे अफरीदी ने साल 1996 में सिर्फ 16 साल की उम्र में ऐसा कारनामा किया था, जिसके आज भी चर्चे हैं। उन्होंने तब नैरोबी में श्रीलंका के खिलाफ महज 37 गेंद पर सेंचुरी जड़कर तहलका मचा दिया था। यह उस समय का वनडे इतिहास का सबसे तेज शतक था। अफरीदी ने इस मैच में श्रीलंकाई गेंदबाजों की जमकर खबर लेते हुए सिर्फ 40 गेंदों पर ही 104 कूट डाले थे। अफरीदी की यह रिकॉर्ड पारी इसलिए भी स्पेशल रही, क्योंकि उन्होंने इस मैच में जिस बल्ले से बैटिंग की थी, वो बैट मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का था।
अफरीदी ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि 37 गेंदों में शतक बनाने के लिए उन्होंने सचिन के बल्ले का इस्तेमाल किया था। उन्होंने इस बात का खुलासा 2021 में किया था। तब उन्होंने कहा था, 'मैंने उस बल्ले को सुरक्षित रूप से रखा है, जिससे मैंने अपने करियर का पहला वनडे शतक जड़ा था। इस बल्ले ने इतिहास रच दिया। यह सचिन का बल्ला है। वो मेरे फेवरेट खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और मैंने उनके बल्ले से ही वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। मैं इसके लिए वकार यूनिस का आभारी हूं। मैं जब उस मैच से पहले प्रैक्टिस कर रहा था तो उन्होंने मुझे यह बल्ला दिया था। उन्होंने ही मुझे उस बैट से अगले दिन मैच खेलने के लिए कहा था।'
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अजहर महमूद ने शेयर की दिलचस्प कहानी
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर अजहर महमूद ने भी कुछ साल पहले सचिन के बल्ले से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी शेयर की थी। उन्होंने कहा था, 'उन दिनों श्रीलंका के दो सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या और विकेटकीपर बल्लेबाज रोमेश कालुवितरणा ओपनिंग में शुरू से ही अटैक करते थे। इसलिए हमने सोचा कि हमें भी नंबर तीन पर बैटिंग करने के लिए ऐसे ही बल्लेबाज की जरूरत है। तब वसीम अकरम ने मुझे और अफरीदी को कहा था कि तुम लोग नेट्स पर जाओ और हिट करने की कोशिश करो। मैं तब आराम से खेल रहा था, लेकिन अफरीदी स्पिनरों को लगातार मार रहे थे।'
वकार सचिन का बैट लेकर आए थे- महमूद
उन्होंने आगे बताया, 'अगले दिन हमें श्रीलंका के खिलाफ मैच खेला और उस मैच में अफरीदी को नंबर तीन पर बैटिंग करने के लिए भेजा गया। मुझे लगता है कि वकार यूनिस सचिन तेंदुलकर का बैट लेकर आए थे। मैच में अफरीदी ने सचिन का बैट इस्तेमाल किया और शतक जड़ने में कामयाब रहे। उस शतक के बाद उसकी पहचान एक बल्लेबाज के तौर पर होने लगी, लेकिन वह मुख्य रूप से एक गेंदबाज थे, जो गेंद को हिट कर सकता है। आखिर में उसका करियर शानदार रहा।'
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