वर्ल्ड कप के फॉर्मेट में कहीं छेड़खानी तो नहीं, टीम इंडिया के साथ ऑस्ट्रेलिया का मैच क्यों?
T20 World Cup 2024: टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ग्रुप स्टेज के मुकाबले खत्म हो चुके हैं। टूर्नामेंट के अगले चरण यानी सुपर-8 के मैच कल रात 8 बजे (भारतीय समयानुसार) से शुरू होंगे। पहला मैच साउथ अफ्रीका और USA के बीच खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में कुल 20 टीमों ने हिस्सा लिया था। इन सभी टीमों को 5-5 करके 4 ग्रुप में बांटा गया था। इसके बाद हर ग्रुप की टॉप 2 टीमों को सुपर-8 में एंट्री दी गई है। इस बीच भारतीय क्रिकेट फैंस के मन में एक सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर टूर्नामेंट में जो सुपर-8 के ग्रुप बनाए गए, उसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया को एक ग्रुप में ही क्यों रखा गया है, जबकि ICC ने जो पहले फॉर्मेट तय किया था उस हिसाब से दोनों टीमों को अलग-अलग ग्रुप में होना चाहिए था। इस बीच फैंस के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ICC ने अपने फॉर्मेट में बदलाव क्यों कर दिया है।
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क्या है ICC का फॉर्मेट
ICC ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का जो फॉर्मेट तय किया है, उसके हिसाब से टूर्नामेंट की सभी 20 टीमों को ग्रुप स्टेज में 5-5 के 4 ग्रुप में बांटा गया है। ये ग्रुप A, B, C और D है। इन सभी ग्रुप की शीर्ष की 2-2 टीमों को सुपर-8 में एंट्री देकर फिर से 2 ग्रुप में इन्हें बांट दिया गया है। ये ग्रुप-1 और ग्रुप-2 हैं। ग्रुप-1 में ग्रुप-A व ग्रुप-C की टॉप की टीम और ग्रुप-B व ग्रुप-D की दूसरे स्थान वाली टीम को शामिल किया गया है। जबकि ग्रुप-2 में ग्रुप-A व ग्रुप-C की दूसरे स्थान की टीम और ग्रुप-B व ग्रुप-D की टॉप स्थान की टीम को जगह दी गई है। इसके बाद ग्रुप-1 व ग्रुप-2 की शीर्ष की 2 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी, जहां ग्रुप-1 की टॉप पर रहने वाली टीम ग्रुप-2 में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम से सेमीफाइनल खेलेगी। जबकि ग्रुप-1 की दूसरे स्थान वाली टीम ग्रुप-2 की टॉप स्थान की टीम के साथ दूसरा सेमीफाइनल खेलेगी। इसके बाद दोनों सेमीफाइनल की विजेता टीमों के बीच खिताबी मैच खेला जाएगा।
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फॉर्मेट के आधार पर कैसा होना चाहिए सुपर-8 का ग्रुप
ICC के इस फॉर्मेट के आधार पर जो ग्रुप बनने चाहिए उसके हिसाब से ग्रुप-1 में भारत, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और बांग्लादेश की टीम को होना चाहिए था। जबकि ग्रुप-2 में ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, USA और अफगानिस्तान की टीम को होना चाहिए। लेकिन आईसीसी ने जो सुपर-8 के ग्रुप बनाए हैं, उसमें ग्रुप-1 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और बांग्लादेश को शामिल किया गया है। जबकि ग्रुप-2 में वेस्टइंडीज, USA, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका को रखा गया है।
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क्यों सुपर-8 के ग्रुप में बदल गई टीम
ICC ने सुपर-8 की टीमें पहले से टीम की रैंकिंग के आधार पर तय कर रखी थी। आईसीसी ने ग्रुप स्टेज की अंक तालिका के बजाय सुपर-8 की स्थिति टीम की वरीयता के आधार पर तय की थी। इस हिसाब से ग्रुप-A में भारत को टॉप की टीम और पाकिस्तान को दूसरे स्थान की टीम माना गया था। इसी तरह ग्रुप-B में इंग्लैंड को पहले और ऑस्ट्रेलिया को दूसरे स्थान पर माना गया था। ग्रुप-C में न्यूजीलैंड को पहले और वेस्टइंडीज को दूसरे स्थान की टीम माना गया। वहीं ग्रुप-D में साउथ अफ्रीका को पहले और श्रीलंका को दूसरे नंबर की टीम माना गया था। इस आधार पर टीमों को सुपर-8 में एंट्री दी गई है और जो टीमें बाहर हो गई हैं, उनके स्थान पर बाकी की टीमों को वरीयता के आधार पर ही सुपर-8 में जगह मिली है। ICC के इस मानक के आधार पर अगर ग्रुप स्टेज में भारतीय टीम दूसरे स्थान पर भी होती तो उसे ग्रुप-A की टॉप टीम ही माना जाता।
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