बेंगलुरु-पुणे वाला ना हो जाए हाल! तीसरे टेस्ट में चाहिए जीत तो टीम इंडिया को दूर करनी होगी सबसे बड़ी कमजोरी
IND vs NZ 3rd Test: वानखेड़े में टीम इंडिया की साख दांव पर लगी हुई है। सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर है। कीवी टीम बैकफुट पर है और दूसरी पारी में 9 विकेट 171 रन पर गंवा चुकी है। मेहमानों के पास कहने को तो अभी सिर्फ 143 रन की बढ़त मौजूद है, लेकिन वानखेड़े में चौथी पारी के रिकॉर्ड को देखते हुए भारतीय टीम की जीत पक्की नहीं माना जा सकती। मुंबई की मायानगरी में अगर रोहित की पलटन को सीरीज में पहली जीत का स्वाद चखना है, तो अपनी सबसे बड़ी कमजोरी को दूर करना होगा।
दूर करनी होगी सबसे बड़ी कमजोरी
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी गुच्छों में विकेट गंवाना रही है। बेंगलुरु में भारतीय टीम ने एक के बाद एक विकेट गंवाए थे और पूरी टीम सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई थी। ऐसा ही कुछ हाल पुणे की दोनों ही पारियों में हुआ था। दूसरे टेस्ट में 359 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय पर भारतीय टीम 96 के स्कोर पर सिर्फ एक विकेट खोकर मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही थी। हालांकि, इसके बाद इंडियन बैटर्स ने अचानक से ‘तू चल मैं आया’ की राह पकड़ ली थी और देखते ही देखते टीम ने अपने 7 विकेट सिर्फ 167 के स्कोर पर गंवा दिए थे।
83 रन जोड़कर गंवाए 6 विकेट
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। 78 के स्कोर पर भारतीय टीम ने सिर्फ एक विकेट गंवाया था, लेकिन 84 रन तक पहुंचते-पहुंचते टीम के चार बल्लेबाज पवेलियन लौट गए थे। टीम ने अपने आखिरी छह विकेट फर्स्ट इनिंग में सिर्फ 83 रन जोड़कर गंवा दिए थे। अब अगर वानखेड़े में साख की लड़ाई जीतनी है, तो इस कमजोरी को हर हाल में दूर करना होगा, वरना बेंगलुरु-पुणे वाला हश्र मुंबई में भी हो सकता है।
वानखेड़े में आसान नहीं होगी राह
भारतीय टीम के लिए वानखेड़े में जीत की राह आसान नहीं होगी। इस मैदान पर चौथी पारी में सिर्फ एक बार 100 से ज्यादा का रन चेज सफलतापूर्वक किसी टीम ने हासिल किया है। साउथ अफ्रीका ने भारत के खिलाफ ही खेलते हुए 163 रन बनाकर मैच जीता था।