UPL 2024: कैसा है उत्तराखंड का 'आईपीएल'? देहरादून वारियर्स के मालिक ने क्या किया खुलासा
Uttarakhand Premier League 2024: उत्तराखंड प्रीमियर लीग-2024 का रोमांच अपने चरम पर है। 8 दिन तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में पुरुषों की 8 और महिलाओं की 3 टीमों के बीच खिताबी जंग हो रही है। इस टी20 क्रिकेट लीग में उत्तराखंड के स्थानीय छोटे-बड़े खिलाड़ी विभिन्न टीमों की ओर से मैच खेलते हुए नजर आ रहे हैं। आईपीएल की तर्ज पर खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में युवाओं की भागेदारी भी देखने को मिल रही है। लीग में पुरुष वर्ग से नैनीताल एसजी पाइपर्स, देहरादून वॉरियर्स, पिथौरागढ़ हरिकेन, यूएसएन इंडियंस और हरिद्वार स्प्रिंग एल्मास की टीम के बीच चैंपियन बनने की रेस लगी हुई है। वहीं, महिला वर्ग में पिथौरगढ़ हरिकेन, नैनीताल एसजी पाइपर्स और मसूरी थंडर्स के बीच भिड़ंत हो रही है। लीग के इसी रोमांच के बीच देहरादून वॉरियर्स की टीम के मालिक शैलेंद्र भदौरिया ने न्यूज-24 से खास बातचीत की है।
बीसीसीआई का जताया आभार
देहरादून वॉरियर्स के मालिक शैलेंद्र भदौरिया ने कहा कि बीसीसीआई ने राज्यों में क्रिकेट लीग को जो मान्यता दी है वो काबिले तारीफ है। इस लीग से हर राज्य के हुनरमंद खिलाड़ी सामने आएंगे। पहले खिलाड़ियों के पास सीमित टूर्नामेंट ही उपलब्ध थे। टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए आईपीएल एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है। लेकिन आईपीएल में 250 क्रिकेटर ही पहुंच पाते हैं, जिसमें किसी को मौका मिल पाता है किसी को नहीं। अब राज्यों में टी20 क्रिकेट लीग के शुरू हो जाने से हर राज्य से 250-250 बच्चे निकल कर सामने आएंगे। ऐसे में खिलाड़ियों की प्रतिभा को तलाशना और भी आसान हो जाएगा। साथ ही नए खिलाड़ियों को खेलने के अवसर भी खूब मिलेंगे।
प्रधानमंत्री का विजन सराहनीय
शैलेंद्र भदौरिया ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हैं उससे लोगों को बड़ी प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री देश की 140 करोड़ की आबादी का मनोबल बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इससे खिलाड़ियों का भी हौसला बढ़ता है और खेल को जो लोग आगे बढ़ाने का काम करते हैं उन्हें भी उनसे प्रेरणा मिलती है और वो बेहतर काम कर पाते हैं।
लीग से क्यों जुड़ते हैं कॉरपोरेट्स
टी20 क्रिकेट लीग में कॉरपोरेट्स क्यों जुड़ते हैं। इस सवाल के जवाब में शैलेंद्र ने कहा कि ये वर्ग समाज की मुख्य धारा से खुद को अलग नहीं कर पाता है। पहले जब इस तरह के टूर्नामेंट नहीं होते तो ये वर्ग इन चीजों से नहीं जुड़ पाता था और दूसरे माध्यम से खेल को आगे बढ़ाने का काम करता था। लेकिन अब जब इस तरह की लीग शुरू हुई और समाज के इस वर्ग को आगे आकर कुछ करने का मौका मिला तो कोई भी इससे पीछे नहीं रहा। कॉरपोरेट्स के इस लीग से जुड़ने से खेल को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिला है। यहां देखिए पूरा इंटरव्यू -