Chess Olympiad 2024: भारत की वो चेस फैक्ट्री, जिसने डी गुकेश सहित 17 भारतीय खिलाड़ियों को किया तैयार
Chess Olympiad 2024: चेस ओलंपियाड में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन पूरी दुनिया ने देखा। 22 सितंबर 2024 को भारतीय पुरुष और महिला टीम ने देश के लिए गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया। 45वें चेस ओलंपियाड के फाइनल राउंड में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने विरोधी को हराकर तिरंगा लहराया।
ग्रैंडमास्टर डी गुकेश, अर्जुन एरिगेसी और आर प्रज्ञानानंदा ने स्लोवेनिया के खिलाफ 11वें राउंड में अपने-अपने मैच में जीत हासिल की। भारतीय महिलाओं ने अजरबेजान को 3.5-0.5 से हराकर देश के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके अलावा आर वैशाली के ड्रा खेलने के बाद वंतिका अग्रवाल की शानदार जीत से भारतीय टीम ने गोल्ड अपने नाम कर लिया। हालांकि भारत को गोल्ड जिताने वाले ज्यादातर खिलाड़ियों ने चेन्नई के वेलम्माल मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल से चेस का सफर शुरू किया है। इस स्कूल को भारत की चेस फैक्ट्री कहा जाता है, जहां से अब तक 17 शतरंज के खिलाड़ियों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
कैसे हुई इस स्कूल की शुरुआत?
भारत को अब तक 17 चेस खिलाड़ी देने वाले वेलम्माल मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल की शुरुआत साल 1986 में 183 छात्रों और 13 स्टाफ के द्वारा हुई थी। जिस महिला ने इस स्कूल के लिए प्रेरित किया उस महिला के नाम पर ही 'वेलम्माल मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल' का नाम रखा गया।
चेस ओलंपियाड 2024 में गोल्ड दिलाने वाले इसी स्कूल के छात्र
आपको बता दें कि चेस ओलंपियाड 2024 में भारत को गोल्ड दिलाने वाले आर वैशाली,प्रज्ञानंनदा, डी गुकेश और ए अधिबान उन 17 भारतीय खिलाड़ी में शामिल हैं जो इस वेलम्माल मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल स्कूल से निकले हैं। हालांकि एक समय में इन खिलाड़ियों को स्पॉन्सरशिप मिलने में काफी दिक्कत हो रही थी। तब स्कूल के मैनेजमेंट ने इन खिलाड़ियों को सहायता राशि दी थी।
बताते चलें कि शतरंज खेल को इस शहर के लोग खासा पसंद करते हैं, जिसके बाद स्कूल ने शतरंज को सिलेबस में शामिल करने का प्लान तैयार किया था।
खिलाड़ियों को मिलती है विशेष छूट
वेलम्माल मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल अपने छात्रों को विशेष छूट देता है। अगर कोई खिलाड़ी अपनी प्रतियोगिता के लिए किसी दूसरे शहर और देश में सफर करता है तो स्कूल उस छात्र का सपोर्ट करता है। साल 2022 में टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए वेलम्माल मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल के सदस्य एमवीएम वेलमोहन ने बताया था कि सभी स्कूलों को खेल को अधिक महत्व देना होगा। इसलिए हम शतंरज के अलावा अन्य खेल खेलने वाले खिलाड़ियों को चुनते हैं। हम उन्हें तैयार करते हैं और टूर्नामेंट जीतने पर नगद पुरस्कार भी देते हैं।
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