Vinesh Phogat: फुटपाथ पर बिताई रात..सिस्टम से किए दो-दो हाथ; अब फाइनल में इस खिलाड़ी से भिड़ेंगी विनेश फोगाट
Vinesh Phogat in Paris 2024 Olympics Final : भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया है। ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली वह पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। फ्रीस्टाइल कुश्ती के सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान Yusneylys Guzmán Lopez को 5-0 से हरा दिया। विनेश फोगाट ने पूरे मैच में अपना दबदबा बनाए रखा और बेहद आसानी से मैच जीत लिया।
पेरिस ओलंपिक के फाइनल में विनेश फोगाट का मुकाबला अमेरिका की रेसलर से होगा। अमेरिका की साराह हिल्डेब्रांट ने मंगोलिया की पहलवान डोल्गोरावन ओटगोनजारगल को 5- 0 से मात दे दी है। अब कल रात 11 बजे विनेश फोगाट और साराह के बीच फाइनल होगा। आज वह पहले ही दो मुश्किल मुकाबले खेल चुकी थीं । इसके बावजूद उनके प्रदर्शन में कोई कमी नहीं आई। ऐसा लग रहा था कि मानों वह कुछ साबित करने के लिए उतरी हैं।
सड़क पर उतरकर आंदोलन किया
महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाली विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में नया इतिहास रचने की कगार पर पहुंच गई हैं। 25 अगस्त 1994 को हरियाणा में जन्मीं विनेश फोगाट कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। साल 2019 में वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बन गई थीं जिसे लॉरियल वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था। यह विनेश फोगाट का तीसरा ओलंपिक है।
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पहलवानों के आंदोलन की संभाली कमान
साल 2023 में भाजपा सासंद बृज भूषण सिंह के खिलाफ भारतीय पहलवानों के प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों में विनेश फोगाट भी थीं। जनवरी 2023 में विनेश फोगाट के साथ साक्षी मलिक, अंशु मलिक और बजरंग पुनिया जैसे ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवानों के साथ आंदोलन की शुरुआत की थी। ये पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) को भंग करने की मांग कर रहे थे। पहलवानों का आरोप था कि फेडरेशन के कोच और इसके अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह महिला एथलीट्स का लंबे समय से यौन शोषण कर रहे थे।
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इस दौरान उन्होंने धरने दिए, सड़कों पर रातें बिताईं और सिस्टम के सामने अपनी आवाज उठाई। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई का भरोसा दिया तो पहलवानों ने आंदोलन खत्म कर दिया। लेकिन, जब कुछ नहीं हुआ तो अप्रैल में फिर आंदोलन शुरू किया गया। अंत में दिसंबर 2023 में खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई की नई चुनी गई बॉडी को निलंबित कर दिया था।