क्या है IPL की आचार संहिता का अनुच्छेद 2.8? जिसके तहत विराट कोहली पर लगा भारी जुर्माना
Virat Kohli Fine IPL Code Of Conduct: कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (KKR vs RCB) के बीच हुए मुकाबले में विवाद के बाद विराट कोहली पर जुर्माना लगाया गया है। बीसीसीआई ने उन्हें आईपीएल की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना है, जिसके तहत उन पर 50 फीसदी मैच फीस का जुर्माना ठोका गया है। विराट कोहली या आरसीबी को इस जुर्माने की रकम को भरना होगा। दरअसल, क्रिकेटर्स के लिए आईपीएल में लंबे-चौड़े नियम बनाए गए हैं। इसका उल्लंघन करना किसी भी खिलाड़ी को भारी पड़ सकता है। आइए आपको बताते हैं कि IPL की आचार संहिता का अनुच्छेद 2.8 क्या है, जिसके तहत विराट कोहली को लेवल-1 अपराध का दोषी मानकर ये जुर्माना लगाया गया है।
क्या है अनुच्छेद 2.8 में?
आईपीएल की आचार संहिता 2.8 में अंपायर के प्रति ज्यादा निराशा दिखाना, खेल फिर से शुरू करने या विकेट छोड़ने में देरी करना, अंपायर के निर्णय से असहमत होकर सिर हिलाना और एलबीडब्ल्यू आउट दिए जाने पर अंदरूनी किनारे की ओर इशारा करना जैसे कई अपराध शामिल हैं। विकेट के पीछे कैच पकड़े जाने पर पैड की ओर इशारा करना, अंपायर से कैप छीनना, अपने फैसले के बारे में अंपायर के साथ बहस या लंबी चर्चा करना जैसे अपराध को भी इसमें शामिल किया गया है।
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अंपायर से लंबी बहस
विराट कोहली ने आउट होने के बाद अंपायर से बहस की थी। इसलिए उन्हें इस अपराध का दोषी माना गया है। कोहली ने अपना अपराध स्वीकार भी कर लिया है। हालांकि आचार संहिता में ये भी कहा गया है कि कोई बल्लेबाज आउट होने पर सहज निराशा दिखा सकता है, इसके लिए किसी भी प्रकार के दंड का प्रावधान नहीं है।
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मैच रेफरी लेते हैं निर्णय
किसी भी खिलाड़ी या टीम अधिकारी की हरकत पर मैच रेफरी आचार संहिता के तहत निर्णय ले सकता है। हालांकि यह रेफरी के ऊपर है कि वह अपने विवेक से खिलाड़ी या टीम अधिकारी को किसी अपराध का दोषी पाए। बीसीसीआई ने अपराध के लिए कुछ लेवल निर्धारित किए हैं। जिसके तहत लेवल-1, लेवल-2, लेवल-3 और लेवल-4 शामिल हैं। इन लेवल्स के तहत जुर्माना और बार-बार अपराध को अंजाम देने पर खिलाड़ी को बैन किए जाने का प्रावधान शामिल है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए मैच रेफरी निर्णय लेते हैं।
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क्या है विराट कोहली का नो बॉल विवाद
केकेआर के खिलाफ ओपनिंग करने उतरे विराट को तीसरे ओवर की पहली गेंद पर हर्षित राणा ने कैच आउट कर लिया था। विराट का मानना था कि ये बॉल उनकी कमर से ऊपर थी इसलिए इसे नो बॉल करार दिया जाना चाहिए। हालांकि रिव्यू में थर्ड अंपायर ने माना कि कोहली क्रीज से आगे खड़े थे और उनकी कमर की लंबाई के हिसाब से बॉल नीचे की ओर जा रही थी। इसलिए इसे फेयर डिलिवरी मानकर कोहली को आउट करार दे दिया गया। इसके बाद कोहली अंपायर से लंबी बहस करते नजर आए। उन्होंने बाद में गुस्से से लाल होकर बल्ला पटका और डस्टबिन में मुक्का भी दे मारा।
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