जिस फॉर्मेट से सबसे ज्यादा प्यार उसमें ही विराट कोहली का हाल बेहाल, फीकी पड़ रही बल्ले की चमक; खुश करने वाले नहीं हैं आंकड़े
Virat Kohli Test Form: कहते हैं कि क्रिकेट के गेम में एक बल्लेबाज की सबसे कड़ी परीक्षा टेस्ट क्रिकेट में होती है। इस फॉर्मेट में सफल होने के लिए आपके पास धैर्य और अच्छे शॉट्स का खजाना होना चाहिए। टेस्ट में मौजूदा समय के बेस्ट बल्लेबाजों की बात होती है, तो विराट कोहली का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर आता है। खुद किंग कोहली को क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट से खासा प्यार है।
मगर टेस्ट में विराट के बल्ले की चमक दिन-प्रतिदिन फीकी पड़ती जा रही है। एक ही सीरीज में दो या तीन शतक ठोक देने वाले विराट इस साल एक सेंचुरी तक नहीं जमा सके हैं। बात सिर्फ इतनी सी नहीं है, बल्कि कोहली के हाल टेस्ट में पीछे पांच सालों में बद से बदतर होते जा रहे हैं। सबसे पसंदीदा फॉर्मेट में कैसे गिर रही है भारतीय स्टार बल्लेबाज की फॉर्म आइए आपको आंकड़ों के लिहाज से समझाते हैं।
साल 2024 में बुरी तरह संघर्ष कर रहे कोहली
विराट कोहली ने साल 2024 में अब तक कुल 3 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान खेली 6 पारियों में किंग कोहली के बल्ले से सिर्फ 157 रन निकले हैं। भारतीय स्टार बैटर का हाल इस कदर बेहाल है कि इस साल उनके बल्ले से शतक तो छोड़िए एक फिफ्टी तक नहीं निकली है। टेस्ट में हमेशा ही 50 के पार रहने वाला विराट का बैटिंग औसत भी अब 48.89 पर आ गया है।
2020-21 में रहा बुरा हाल
कभी टेस्ट क्रिकेट में हंसते-खेलते हुए ही शतक ठोक देने वाले विराट के लिए 100 रन का आंकड़ा पार करना पिछले कुछ सालों में बड़ा मुश्किल हो गया है। साल 2020 में कोहली के बैट से कोई भी सेंचुरी नहीं आई और वह 6 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके। विराट का बैटिंग औसत भी सिर्फ 19.33 का रहा।
विराट के हालात साल 2021 में भी नहीं सुधरे और 11 टेस्ट मैचों की 19 पारियों में पूर्व भारतीय कप्तान एक भी शतक नहीं लगा सके। 19 इनिंग्स में विराट के बल्ले से मात्र 4 अर्धशतक निकले। 2021 में कोहली का बैटिंग एवरेज 28.21 का रहा।
दो साल में सिर्फ दो शतक
2022 में विराट टीम इंडिया की जर्सी पहनकर 6 टेस्ट मैचों में मैदान पर उतरे। इस दौरान खेली 11 पारियों में वह सिर्फ 265 रन ही बना सके। कोहली का बैटिंग औसत महज 26 का रहा। सेंचुरी का कॉलम एक बार फिर खाली रहा और बल्ले से पूरे साल में आया सिर्फ एक अर्धशतक।
साल 2023 कोहली के लिए बाकी तीन सालों के मुकाबले अच्छा रहा। 8 मैचों की 12 पारियों में कोहली ने 55 की दमदार औसत से 671 रन ठोके। विराट ने दो शतक और इतने ही अर्धशतक जमाए।
यानी पिछले पांच सालों में कोहली के बल्ले से सिर्फ दो शतक निकले हैं। टीम इंडिया को घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड से भिड़ना है और इस सीरीज में कोहली के पास अपनी फॉर्म को सुधारने का अच्छा मौका होगा, क्योंकि अगर विराट का बल्ला इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में खामोश रहा, तो कंगारू धरती पर लगातार तीसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को जीतने का सपना चकनाचूर हो सकता है।