Indore: गेहूं की कम कीमत मिलने से किसान नाराज, लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में किसानों का हंगामा
इंदौर: इंदौर के लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में सुबह किसानों ने प्रदर्शन कर चक्का जाम किया। किसानों का आरोप है कि मंडी में व्यापारी उनके गेहूं की बोली कम लगा रहा है जबकि सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 2125 है। 31 मार्च तक मंडी में समर्थन मूल्य की खरीदी पर रोक लगी हुई है जिसके कारण किसानों को अपना गेहूं व्यापारी को बेचना पड़ रहा है। आज किसान अगर अपना गेहूं बेचकर पैसा सोसाइटी में जमा नहीं करेगा तो तो उसे सोसाइटी में 1 साल का ब्याज भरना पड़ेगा जिसके चलते किसान अपना माल व्यापारी बेचने पर मजबूर हैं। व्यापारियों ने लक्ष्मीबाई अनाज मंडी पर जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
समर्थन मूल्य पर नहीं बिक रहा किसाना का गेहूं
दरअसल सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूं की तुलाई 31 मार्च तक के लिए सरकार ने स्थगित कर दी है। दूसरी तरफ किसानों को सोसायटी में कर्ज भरने की भी आज आखिरी तारीख है बिना ब्याज के लिए मिला उनको कर्ज अगर समय पर नहीं भरा तो उस पर किसान को ब्याज भी देना पड़ेगा जिसमें एक किसान पर एक लाख रुपए के कर्ज पाकिस्तान को 16 हजार रुपए तक ब्याज भरना पड़ सकता है। जिसके कारण किसान मंडियों में व्यापारी को अपना माल बेचने के लिए मजबूर हुए हैं।
इंदौर की लक्ष्मीबाई मंडी पर बड़ी संख्या में किसान अपना गेहूं लेकर बेचने के लिए पहुंचे। जहां पर किसानों के गेहूं की बोली व्यापारियों ने 1650 रुपए से लगाना शुरू की जिससे किसान नाराज हुए। किसानों का कहना है समर्थन मूल्य 2125 है उससे कम में किसान अगर अपना माल बेचेगा तो उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य की खरीदी भी 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है।
व्यापारियों ने क्या कहा?
उधर व्यापारियों का कहना है कि गेहूं में नमी आने के कारण गेहूं के दाम उस हिसाब से लगाए जा रहे हैं। अच्छे गेहूं के दाम 2185 तक व्यापारी देने को तैयार है अगर व्यापारी नमी वाला माल 2125 रुपए में ही किसान से खरीदेगा उसे 6 महीने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रखेगा तो गेहूं खराब होने की भी संभावना है और उसके साथ ही व्यापारी मारा जाएगा। मंडी सचिव ने किसानों को आश्वासन दिया है कि कोई भी व्यापारी समर्थन मूल्य से कम में उनका गेहूं की बोली नहीं लगाएगा। किसानों की गेहूं की बोली 2125 से शुरू होगी फिलहाल किसानों ने हंगामा समाप्त कर अपने गेहूं की व्यापारियों से तुलाई शुरू करवा दी है अब देखना होगा व्यापारियों किसानों का गेहूं किस मूल्य में खरीदते हैं।