नवरात्रि में करें देवी कात्यायनी को समर्पित इन 3 मंदिरों के दर्शन, बरसेगी मां की कृपा
Maa Katyayani Famous Mandir: सनातन धर्म के लोगों के लिए चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के 9 माता दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। इसी के साथ कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। इस बार नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल से हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन जहां मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा और पांचवें दिन मां कात्यायनी की उपासना की जाती है। तो वहीं आज यानी नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है।
नवरात्रि के दौरान लोगों के घरों में तो रौनक देखने को मिलती ही है। इसी के साथ मंदिरों में भी लोगों का उत्साह देखने लायक होता है। नवरात्रि के दौरान खासतौर पर मां दुर्गा के मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है।
आज हम आपको मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को समर्पित देश के 3 प्राचीन मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां आप नवरात्रि के दिनों में जा सकते हैं।
ये भी पढ़ें- नवरात्रि में करें दिल्ली के इन 3 मंदिरों के दर्शन, दिल की हर मनोकामना होगी पूरी
मां कात्यायनी शक्तिपीठ
उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में मां कात्यायनी को समर्पित मां कात्यायनी शक्तिपीठ स्थित है। नवरात्रि के दिनों में यहां पर हर साल बड़ी संख्या में लोग आते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में देवी सती के बाल यानी केश गिरे थे। माना जाता है कि जो भी भक्त अपनी कोई इच्छा लेकर मां के पास आता है, उसकी वो मनोकामना जरूर पूरी होती है।
आद्या कात्यायिनी मंदिर
दिल्ली के छतरपुर में मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को समर्पित आद्या कात्यायिनी मंदिर स्थित है। हालांकि कई लोग इसे छतरपुर मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर कम से कम 70 एकड़ में फैला हुआ है। इसके अलावा पूरे मंदिर को संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है। पूरे मंदिर पर प्राचीन वास्तुकला और नक्काशी का काम किया गया है, जो दिखने में बहुत खूबसूरत लगता है।
इस मंदिर में एक मन्नत का पेड़ भी है। कहा जाता है कि जो भी भक्त अपनी इच्छा को मन में बोलकर उस मन्नत के पेड़ पर लाल चुनरी को बांध देता है। मां उसकी इच्छा जरूर पूरी करती हैं।
कात्यायनी शक्तिपीठ
उत्तर प्रदेश के हरदोई में देवी कात्यायनी को समर्पित कात्यायनी शक्तिपीठ स्थित है। नवरात्रि के दौरान यहां पर हर साल बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। इसी वजह से नवरात्रि के कुछ दिन पहले से ही मंदिर को फूलों से सजाने का काम शुरू हो जाता है।
ये भी पढ़ें- एक मोक्ष का दरवाजा, दूसरा स्वर्ग का रास्ता: 5 पॉइंट में जानें श्रीकृष्ण के द्वारकाधीश मंदिर के रहस्य