नवरात्रि में करें मां कुष्मांडा को समर्पित इन 3 मंदिरों के दर्शन, बीमारियों से मिलेगा छुटकारा!
Maa Kushmanda Famous Temple: हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित देश में कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं, जिनका इतिहास जितना रोचक है, उतना ही उनकी मान्यता खास है। त्योहारों के दिनों में तो मंदिरों में अलग ही धूम देखने को मिलती है। खासतौर पर नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को समर्पित मंदिरों में अलग ही रौनक होती है। मंदिरों को लाइटों और फूलों से सजाया जाता है। इसके अलावा मां के दर्शन करने के लिए भक्तजन दूर-दूर से आते हैं।
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने के साथ-साथ कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री, दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरा दिन मां चंद्रघंटा और चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित होता है। आज हम आपको देश में मौजूद मां कुष्मांडा को समर्पित 3 मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां नवरात्रि के दौरान आप जा सकते हैं। आइए जानते हैं उन 3 मंदिरों के बारे में।
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मां कुष्मांडा मंदिर
उत्तर प्रदेश के कानपुर में मां कुष्मांडा को समर्पित एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर में मां कुष्मांडा पिंडी स्वरूप में विराजमान हैं। इस पिंडी की खास बात ये है कि इसमें से सदा पानी रिसता रहता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति पिंडी से निकलने वाले पानी को पीता है, उसको कोई गंभीर रोग नहीं लगता है। इसी वजह से नवरात्रि के दौरान यहां पर बड़ी संख्या में लोग मां कुष्मांडा के दर्शन करने के लिए आते हैं।
देवी कुष्मांडा मंदिर
उत्तर प्रदेश के बनारस के रामनगर में देवी कुष्मांडा मंदिर स्थित है। मां कुष्मांडा को समर्पित यह मंदिर बहुत पुराना है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में बंगाल की महारानी ने करवाया था। हालांकि बीते कुछ सालों से इस मंदिर के रखरखाव का कार्य बनारस का एक शाही परिवार कर रहा है। नवरात्रि के दौरान मंदिर को विशेष तौर पर फूलों और रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। कहा जाता है कि हर साल नवरात्रि में मां कुष्मांडा के दर्शन करने के लिए यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण पहुंचते हैं।
झंडेवालान् मंदिर
दिल्ली के करोल बाग में मां झण्डेवाली को समर्पित मंदिर स्थित है। यहां पर देवी झंडेवाली की मूर्ति के साथ-साथ मां चंद्रघंटा और मां कुष्मांडा की भी मूर्ति विराजमान हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। इसी वजह से नवरात्रि से कुछ दिन पहले ही मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है।
माना जाता है कि जो भी भक्त यहां पर मौजूद मां कुष्मांडा के सामने सिर झुकाकर माथा टेकता है, उस पर हमेशा माता का आशीर्वाद बना रहता है। इसके अलावा उनके परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और धन का आगमन होता है।
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