महाकाल मंदिर जाने का है प्लान? जानिए भस्म आरती की बुकिंग से लेकर टिकट तक सब कुछ
Mahakaleshwar Mandir Ujjain: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत महत्व है। लोग इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा शिव जी के प्रसिद्ध मंदिरों में भी दर्शन करने जाते हैं। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व कल यानी 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा।
अगर महाशिवरात्रि के पावन दिन आप भी शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए किसी प्राचीन मंदिर में जाना चाहते हैं तो आप उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर जा सकते हैं। आज हम आपको महाकालेश्वर की मान्यता से लेकर वहां जाने तक के रूट और मंदिर दर्शन से जुड़ी सारी जानकारी देंगे।
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महाकालेश्वर मंदिर से जुड़ी मान्यता
महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। इस मंदिर का नाम देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरे नंबर पर आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव जी ने अपने भक्तों की जान बचाने के लिए इसी जगह पर दूषण राक्षस का वध किया था।
कहा जाता है कि राक्षस से छुटकारा पाने के बाद भक्तों ने शिव जी से निवेदन किया कि वे यहीं पर विराजमान हो जाएं, जिसके बाद भगवान शिव महाकालेश्वर के रूप में यहां विराजमान हो गए।
दिल्ली से महाकालेश्वर उज्जैन कैसे जाएं?
दिल्ली एनसीआर से आप उज्जैन महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं तो आप बस से लेकर ट्रेन और फ्लाइट तक से यहां पहुंच सकते हैं। महाकालेश्वर मंदिर के सबसे नजदीक उज्जैन रेलवे स्टेशन है।
उज्जैन रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद मंदिर के लिए आप ऑटो या रिक्शा ले सकते हैं। वहीं महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के सबसे निकटतम हवाई अड्डा इंदौर यानी आईडीआर है। यहां से आगे जाने के लिए आप कैब ले सकते हैं। इसलिए अपने बजट के हिसाब से आप महाकालेश्वर मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
दर्शन के लिए क्या खरीदनी होगी टिकट?
महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। वहीं किसी पर्व पर या खास व्रत के दिन यहां बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। अगर आप महाशिवरात्रि के दिन महाकाल के दर्शन करने जा रहे हैं तो ऐसे में आप भीड़ से बचने के लिए वीआईपी टिकट भी ले सकते हैं।
इसके लिए आपको 250 रुपये का टोकन लेना होगा, जो बड़ा गणेश मंदिर के नजदीकी टिकट काउंटर पर मिलेगा। आप वीआईपी प्रवेश द्वार से नहीं जाना चाहते तो आप लाइन में लग कर भी दर्शन कर सकते हैं।
मंदिर से जुड़े जरूरी नियम
बता दें कि महाकाल मंदिर के परिसर में मोबाइल का इस्तेमाल वर्जित है। इसके अलावा मंदिर के गर्भगृह के दर्शन करने के लिए पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं का साड़ी पहनना अनिवार्य है। आम दिनों में मंदिर का गर्भगृह दोपहर में केवल 1 से लेकर 4 बजे तक ही खुलता है।
मान्यता के अनुसार, महाकालेश्वर के दर्शन करने के बाद काल भैरव के दर्शन करने भी जरूरी होते हैं। इसके बिना यात्रा को अधूरा माना जाता है। भैरव बाबा का मंदिर महाकाल मंदिर से 5 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा महाकाल मंदिर में रोजाना प्रात: काल 4 बजे भस्म आरती होती है।
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