सिंपल AI ऐप बनाकर हर महीने लाखों रुपये कमा रहा ये टेकी, पोस्ट हो रहा वायरल
Viral Post: जब भी हम एआई का नाम लेते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में एडवांस टेक्नोलॉजी की ख्याल आता है, मगर क्या आपने कभी सोचा है कि इसका इस्तेमाल करके आप मालामाल हो सकते हैं? आपने भले ही न सोचा हो, लेकिन जयपुर के एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर ने ऐसा ही कुछ किया है। ये हम नहीं कर रहे हैं, इनका दावा उस टेकी ने एक पोस्ट के जरिए किया है। उन्होंने नॉन-टेक्निकल इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल की बढ़ती मांग को पहचानते हुए बताया कि उनके द्वारा क्रिएट किए गए एक साधारण फोटो एडिटिंग एप से अब वह हर महीने 8.4 लाख का रेवेन्यू जनरेट कर रहे हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
सिंपल एआई एप के जरिए कमाए पैसे
YouTuber हितेश चौधरी ने हाल ही में X पर पोस्ट किया और बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले एक ऐप बनाया था। अपने पोस्ट में उन्होंने कहा कि कभी नहीं पता था कि नॉन टेक सेगमेंट में AI की इतनी मांग है। मैंने एक बहुत ही बुनियादी AI बेस्ड ऐप बनाया जो लोगों को फोटो को मॉडिफाई करने और प्लेटफॉर्म के लिए कुछ टेक्स्ट लिखने में मदद करता है। आगे उन्होंने कहा कि 3 महीने बाद, मैं 10,000 डॉलर MRR ( मंथली रेकरिंग रेवेन्यू) पर हूं।
हालांकि,हितेश ने इस बात पर जोर दिया कि वह अभी नॉन-टेक मार्केट के लिए कोडिंग के विचार को लोकप्रिय नहीं बनाना चाहते हैं। कोडर्स के लिए बिल्डिंग एक कठिन मार्केट है, नॉन-टेक मार्केट को तोड़ना आसान है। मैं इसे अभी लोकप्रिय नहीं बनाना चाहता।
जब उनसे उनकी मार्केटिंग स्ट्रेटजी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके पहले क्लाइंट जो उनके दोस्त भी हैं, उन्होंने WhatsApp के जरिए एप डिस्ट्रिब्यूशन को मैनेज किया। उन्होंने आगे कहा क मैंने पहले क्लाइंट से ही पैसे लिए। वह सप्लाई चेन में डिस्ट्रीब्यूशन का काम संभालता है। उसने इसे अपने WhatsApp ग्रुप में शेयर किया और अब यह फैल रहा है।
कमेंट में मिली तारीफ
हितेश की इस उपलब्धि पर कई एक्स यूजर ने कमेंट में उनकी तारीफ की। एक यूजर ने कहा कस्टमर 0 से फीस लेना कंज्यूमर SaaS में कोई नई बात नहीं है, मेरे सभी दोस्त ऐसा करते हैं। लेकिन WhatsApp के जरिए डिस्ट्रिब्यूशन को संभालना, यह नया है।
वहीं दूसरे यूजर ने कहा नॉन-टेक ऑडियंस के साथ सिर्फ 3 महीने में 10K डॉलर MRR हासिल करना प्रभावशाली है। आप सही कह रहे हैं- नॉन टेक मार्केट में अक्सर ऐसी जरूरतें होती हैं जो पूरी नहीं होती और उन्हें सरल समाधानों से मैनेज करना आसान होता है।
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