अयोध्या में बन रही मस्जिद को लेकर बोले ओवैसी, 'मैं कभी मुड़ कर ना देखूं...'
Hyderabad MP Asaduddin Owaisi: राम मंदिर के मुद्दे को लेकर एक बार फिर ओवैसी का बयान सामने आया है। ओवैसी ने कहा कि उनको लगता है कि फैसला आस्था के आधार पर सुनाया गया था। वहीं, अयोध्या में बन रही मस्जिद को लेकर उनका कहना है कि वे इसमें कदम भी नहीं रखेंगे। लोकसभा चुनाव में सोमवार को चौथे चरण की वोटिंग होनी है, लेकिन लोगों की निगाहें इससे पहले हैदराबाद सीट पर हैं। जहां से एआईएमआईएम चीफ और मौजूदा सांसद असदुद्दीन ओवैसी और बीजेपी की माधवी लता में मुकाबला है। एक हिंदी चैनल को दिए इंटरव्यू में ओवैसी ने कहा कि 1986 में बाबरी मस्जिद का ताला खुला था। इसके पीछे कांग्रेस और बीजेपी दोनों थे। 1992 में मस्जिद को साजिश के तहत गिराया गया। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आस्था के आधार पर है। इससे दिक्कत बढ़ी है। जीबी पंत की गलती थी। तत्कालीन पीएम नेहरू सिर्फ लेटर लिखते रह गए थे।
इससे पहले एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा दावा किया था। ओवैसी ने कहा था कि वो दिन अब दूर नहीं है, जब एक हिजाब पहनी मुस्लिम महिला भारत की पीएम बनेगी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वे लोग पीडीएम का हिस्सा हैं। जिनको पिछड़ा, दलित या मुस्लिम कहा जाता है। इसका प्रतिनिधित्व फिलहाल पल्लवी पटेल कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी बिहार और झारखंड में भी जीत दर्ज करेगी। ओवैसी ने कहा कि झारखंड में पार्टी दो सीटों पर विजयी होगी।
किशनगंज सीट पर उनकी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने चुनाव लड़ा है। हम वहां से जीत दर्ज करेंगे। औरंगाबाद और हैदराबाद सीट के लिए वोटिंग 13 मई को है। दोनों सीटों पर वे लोग जीत को लेकर आश्वस्त हैं। पीडीएम और उनकी पार्टी का कैंडिडेट ही जीते, इसके लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा कि इंडी अलांयस ने मुस्लिमों के टिकट काटे हैं। लोग धरातल पर सिर्फ महंगाई, बेरोजगारी और जाति आधारित मुद्दों पर वोट दे रहे हैं। इंडी ने तो महाराष्ट्र की 48 सीटों पर किसी मुस्लिम को नहीं उतारा। कुछ ऐसा ही इन लोगों ने छत्तीसगढ़, दिल्ली, एमपी और राजस्थान में किया है। लगभग 11 स्टेट ऐसे हैं, जहां किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया।
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इससे साफ पता लगता है कि ये लोग मुस्लिमों का कम प्रतिनिधित्व लोकसभा में चाहते हैं। इंडी को पिछले साल आप, कांग्रेस और सपा ने मिलकर बनाया था। हम लोग इसका हिस्सा नहीं हैं। ओवैसी ने इंडी अलायंस में न आने को लेकर कहा कि उनकी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष ने 3 बार गठबंधन को लेकर बयान दिया था। जिसका कोई रिस्पॉन्स इन लोगों ने नहीं दिया।
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मीडिया और सेक्यूलर पार्टियों के बारे में ओवैसी ने कहा कि ये सिर्फ हिंदू केंद्रित हैं। कांग्रेस और बीजेपी में पिछली बार 190 सीटों पर फाइट थी। लेकिन कांग्रेस सिर्फ 16 जीत सकी। हम लोग वहां नहीं लड़े, लेकिन क्या मीडिया या संबंधित पार्टी कहेगी कि वे हिंदू वोटों के कारण हारे? ओवैसी ने कहा कि उनके ऊपर कुछ लोग आरोप लगाते रहे हैं कि वे अंदरखाते बीजेपी की मदद करते हैं। लेकिन कुछ लोग उद्धव ठाकरे से गठबंधन करते हैं, उनको सेक्यूलर कहते हैं। लेकिन उद्धव विधानसभा में जब ये कह रहे थे कि बाबरी मस्जिद उन्होंने गिराई, तब कांग्रेस और एनसीपी के नेता वहीं बैठे थे। छत्तीसगढ़, एमपी और राजस्थान में कांग्रेस क्यों हारी? उनसे पूछा जाना चाहिए।