होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

72 इंच जमीन और 5 मंजिला मकान, देखने वाले दातों तले दबा लेते हैं उंगली

Bihar News : बिहार में बनी एक इमारत की चर्चा खूब हो रही है, 72 इंच जमीन पर बनी 5 मंजिला मकान को देखकर हर कोई हैरान है। यह इमारत भी प्रेम की निशानी कही जा रही है। पढ़ें पूरी खबर
09:48 PM Nov 24, 2024 IST | Avinash Tiwari
Advertisement

Bihar News : आगरा का ताजमहल प्रेम की निशानी है। दुनिया भर में ये प्रेम की निशानी के तौर पर ही प्रसिद्ध है। आपको जानकारी हैरानी होगी कि बिहार में भी एक प्रेम की निशानी है, जिसकी खूब चर्चा होती है। एक तरफ आगरा का ताजमहल अपनी भव्यता को लेकर प्रसिद्ध है तो वहीं बिहार में मौजूद प्रेम की निशानी अपनी अनोखी बनावट और छोटी इमारत की वजह से फेमस है।

Advertisement

72 इंच जमीन और पांच मंजिला मकान

बिहार के मुजफ्फरपुर में बनाए एक मकान की खूब चर्चा हो रही है। चौंकाने वाली बात ये है कि ये मकान सिर्फ 6 फुट चौड़ी जमीन पर बना हुआ है। जमीन के हिसाब इस मकान को छोटा मत समझिए, ये पांच मंजिला मकान है और तमाम सुख सुविधाओं से लैस है। इस मकान को देखने के बाद हर कोई हैरान है। कैसे अगर मन में जज्बा हो तो छोटी से छोटी जगह पर आशियाना बनाया जा सकता है।

प्यार की निशानी है ये मकान

गनीपुर मोहल्ले में बना ये घर अपने आप में अजूबा है। ये मकान प्रेम की निशानी भी है। संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष सलाहकार रह चुके संतोष कुमार ने इस घर को अपनी पत्नी को उपहार में दिया था। संतोष कुमार ने अपनी पत्नी को उपहार देने के लिए इस घर को बनवाया था। 6 फीट चौड़ी और 45 फीट लंबी 264 वर्गफीट जमीन में बनाए मकान को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।

यह भी पढ़ें : Google Maps के कारण फिर गई लोगों की जान, शादी के माहौल में छा गया मातम

Advertisement

इंजीनियर नहीं पास कर रहा था नक्शा तो...

इतनी छोटी जगह पर लोग दीवार खड़ी करने के बारे में सोचते तक नहीं है, उतनी जगह में घर बनाने के लिए जब संतोष कुमार नक्शा पास करवाने के लिए इंजीनियर के पास गए तो वह भी चौंक गया। उसने नक्शा पास करने से इनकार कर दिया लेकिन काफी भागदौड़ के बाद आखिरकार नक्शा पास हो ही गया।

यह भी पढ़ें : दुनिया के वो 10 ज्वालामुखी, जिनमें कभी भी हो सकता है बड़ा धमाका

बताया गया कि संतोष कुमार तीन साल तक इस मकान को बनाने के लिए मेहनत करते रहे। साल 2015 में आखिरकार प्रेम की निशानी बनकर तैयार हो ही गई। संतोष कुमार का कहना है कि जब मकान बना रहे थे तो कुछ खास नहीं लग रहा था लेकिन अब इसकी खूब चर्चा हो रही है तो अच्छा लग रहा है।

Open in App
Advertisement
Tags :
biharhindi newsTrending News
Advertisement
Advertisement