OMG! 10 साल बाद 'जिंदा' हुआ शिक्षक; 250 बच्चों को फ्री पढ़ाता था, अचानक हो गया लापता
Dead Mathematics Teacher Found Alive: अजब तरह का गजब कारनामा हुआ है। एक टीचर जिसे मृत घोषित कर दिया गया था, 10 साल बाद अचानक जिंदा मिल गया तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं परिवार के लिए चौंकाने वाला घटनाक्रम भी है, क्योंकि युवक की हालत ठीक नहीं है। वह फटे पुराने कपड़े पहने बिखरे हुए बालों के साथ पेड़ के नीचे बैठा मिला। उसने कई दिन से खाना नहीं खाया था और उसका मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ था। किसी ने उस पर तरसा खाकर उसे पुलिस तक पहुंचाया। पुलिस वालों ने उसकी तलाश करते हुए सोशल मीडिया पर फोटो शेयर किया, जिसे परिजनों ने पहचान लिया और वे उसे लेने के लिए थाने पहुंच गए। अब युवक का इलाज कराया जा रहा है। पुलिस ने पूरी वेरिफिकेशन करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया।
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बांग्लादेश बॉर्डर पर मिला उत्तर प्रदेश का टीचर
बता दें कि बांग्लादेश बॉर्डर पर पेट्रापोल इलाके में गीली मिट्टी पर गणित के सवालों को हल करते हुए शख्स को ग्रामीणों ने देखा तो वह चौंक गए। उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी अमित कुमार प्रसाद के रूप में हुई है, जो गणित के टीचर थे। प्रसाद के परिवार का पता लगाने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया और हैम रेडियो ऑपरेटरों की मदद ली। उसके पिता और रिश्तेदार उसकी शिनाख्त करने के लिए थाने पहुंचे तो 10 साल से चल रही उनकी तलाश खत्म हो गई। परिजन अमित को मरा हुआ मान चुके थे, लेकिन बेटे को आंखों के सामने जिंदा देखकर पिता गामा प्रसाद की आंखें छलक गईं। उन्होंने पेट्रापोल पुलिस थाना प्रभारी का आभार जताया और उन्हें बताया कि अमित शहर में ही एक स्कूल में गणित का टीचर था, लेकिन वह अचानक लापता हो गया था।
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5 गांवों के 250 बच्चों को मुफ्त पढ़ाता था अमित
गामा प्रसाद ने कहा कि उनका बेटा अमित स्कूल में पढ़ाने के अलावा 5 गांवों में गरीब परिवारों के 250 से अधिक छात्रों को मुफ्त में गणित पढ़ाता था। गणित के प्रति उसका प्यार बचपन से था, लेकिन अचानक वह मानसिक तनाव में रहने लगा। उसके जिंदा मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। हैम रेडियो ऑपरेटर परिमल रॉय ने कहा कि लोगों ने उसे गीली मिट्टी पर गणित के सवाल हल करते देखा। जब उन्होंने उससे उसकी पहचान पूछी तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। वही नदी के किनारे चला गया। लोग लगातार उससे पूछताछ करते रहे तो उसने कहा कि अकेला छोड़ दो। पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि अमित के परिवार का पता लगाने में मदद के लिए पुलिस ने संपर्क किया था। भारत में हैम रेडियो ऑपरेटरों के नेटवर्क में उसकी तस्वीर वायरल की।
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