UPSC की परीक्षा पर IAS का पोस्ट वायरल, जानें क्यों बताया निराशाजनक
IAS Awanish Kumar Viral Post : UPSC का रिजल्ट सामने आ गया है। आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप किया है। तमाम लोग परीक्षा पास करने वालों को बधाई दे रहे हैं। हालांकि IAS अवनीश शरण ने UPSC के परिणाम के बाद हिंदी भाषी उम्मीदवारों को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या हिन्दी माध्यम के उम्मदवारों ने पढ़ना ही छोड़ दिया है? पढ़िए आईएएस अवनीश शरण ने किया लिखा है ।
IAS ने सोशल मीडिया पर लिखा पोस्ट, वायरल
IAS अवनीश शरण ने X पर लिखा कि कई वर्षों से एक ही तर्क सुनता आ रहा हूं कि परीक्षा प्रणाली में आये परिवर्तन हिन्दी माध्यम के लिए बने नकारात्मक वातावरण के लिए जिम्मेदार हैं। शुरू में तो अवश्य लगा था कि यह परिवर्तन शायद हिन्दी माध्यम के उम्मदवारों के लिए कुछ कठिनाई प्रस्तुत कर सकते हैं पर हम जब सफलता की आशा के साथ इस ओर आते हैं तो हर चुनौती का सामना करने का मन बना कर आते हैं। यदि मैं यह तर्क सुनता हूं कि संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) का रुख हिन्दी माध्यम के प्रति भेदभावपूर्ण है तो यह बात एकदम गलत है। हम कौन होते हैं परीक्षा-प्रणाली पर कटाक्ष करने वाले !!
उन्होंने आगे लिखा कि UPSC ने सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रारूप तैयार किया हुआ है, पाठ्यक्रम की निर्धारित सीमायें भी एक समान हैं तो फिर भाषा के आधार पर भेदभाव का प्रश्न ही नहीं उठता। हिन्दी माध्यम के उम्मीदवार परीक्षा के पहले चरण प्रारम्भिक परीक्षा पार कर पाने में असफल हो रहे हैं। यह मेरा मत नहीं वरन् संघ लोक सेवा आयोग के आंकड़े बोल रहे हैं।
अवनीश शरण का पोस्ट
IAS ने लिखा कि जब कोई कहता है कि हिन्दी माध्यम के उम्मीदवारों को साक्षात्कार में कम अंक मिलते है तो भी मान लें; पर पहले आप साक्षात्कार स्तर तक पहुंचे तो सही। ऐसे में कोई यह कहे कि प्रारम्भिक परीक्षा के स्तर पर संघ लोक सेवा आयोग पक्षपात करता है तो यह समझ से बाहर है। यहां तो कोई भाषा लिखनी नहीं, केवल सही विकल्प चिन्हित करने हैं।
अवनीश शरण ने आगे लिखा कि मैं समझता हूं कि सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 2 क्वालीफाईंग हो जाने के बाद तो हिन्दी माध्यम के उम्मीदवारों के लिए प्रारम्भिक परीक्षा आपेक्षाकृत आसान हो गई है। प्रारम्भिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र में हिन्दी अनुवाद को लेकर कुछ कठिनाई हो सकती है पर यह ऐसी रुकावट नहीं जिसके लिए आप अपने को तैयार न कर सकें।
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प्रारम्भिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 1 के प्रमुख अवयव जैसे इतिहास, राजव्यवस्था, भूगोल, अर्थव्यवस्था आदि हम हिन्दी माध्यम के उम्मीदवारों के सबल पक्ष रहे हैं और अपने मजबूत पक्षों का सही उहयोग न कर पाना हमारी कमजोरी को उजागर कर रहा है। और इसके लिए किसी को दोष देना उचित नहीं।