भारत के इस गांव में होती है मेंढकों की भी शादी, वजह कर देगी हैरान
भारत विविधताओं का देश है, यहां आपको बहुत से कल्चर और ट्रेडिशन देखने को मिल जाते हैं। कुछ बहुत आम से होते हैं, मगर कुछ इतने अजीब होते हैं कि हमारा ध्यान उसकी तरह चला जाता है। ऐसे ही भारत के एक गांव में एक अनोखी रस्म होती है। यहां इंसानों की ही नहीं बल्कि मेंढकों की भी शादी की जाती है। आइए इसके पीछे की वजह के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है अनोखी रस्म की कहानी?
ये भारत के नॉर्थ ईस्ट में बसे एक गांव की कहानी है। हम असम के रंगदोई गांव की बात कर रहे हैं, जहां मेंढकों की शादी कराई जाती है। ये जानकारी भले आपको चौंका दें, लेकिन रंगदोई गांव में ये आम बात है। गांव की पारंपरिक मान्यता है कि मेंढकों की शादी करवाने से बारिश के देवता बरुण खुश होते हैं।
बता दें कि ये गांव असम के जोरहाट जिले में आता है और हर बार जब इस क्षेत्र में सूखा पड़ता है तो गांव वाले मेंढकों की शादी कराते हैं। ये परंपरा बहुत पुरानी है, जिसमें मेंढकों की शादी की जाती है। इसे रंगदोई में भेकुली बिया के नाम से जाना जाता है, जिसे वैदिक रीति-रिवाजों के साथ किया जाता है।
असम में होती है मेंढकों की शादी
कैसे की जाती है शादी?
जैसे भारतीय परंपरा में दो पक्ष होते हैं, वैसे ही मेंढकों की शादी में भी दो पक्ष होते हैं। एक पक्ष दुल्हे के साथ होता है, तो दूसरा पक्ष दुल्हन के साइड से होता है। दोनों पक्ष विधि के हिसाब से अपनी जिम्मेदारियां संभालते हैं। बता दें कि इस विवाह में हल्दी फंक्शन भी किया जाता है, जिसमें मेहमान भी आते हैं। आखिर में शादी के दिन दोनों मेंढकों को तेल और सिंदूर से सजाया जाता है। गांव वालों का मानना है कि ऐसा करने से वरुण देखता खुश होते हैं और गांव में बारिश होती है।
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