Swatantrata Diwas 2024: तिरंगा फहराने के क्या हैं नियम और कायदे? उल्लंघन करने पर मिलती है ये सजा
Har Ghar Tiranga Campaign: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 'हर घर तिरंगा' अभियान से जुड़ने की अपील की है। यह अभियान 9 अगस्त को शुरू हुआ था, जो 15 अगस्त तक चलेगा। लेकिन क्या आपको पता है कि झंडा फहराने के लिए कुछ नियम और कानून सरकार ने बनाए हैं? जिनके बारे में हर नागरिक को पता होना चाहिए। अगर इन नियमों का पालन हम तिरंगा फहराते समय नहीं करते तो यह झंडे का अपमान होता है। कानून की उल्लंघना करने पर सजा का प्रावधान भी है। आइए इन नियमों के बारे में जानते हैं।
क्या है हर घर तिरंगा अभियान?
सबसे पहले हर घर तिरंगा अभियान के बारे में जानते हैं। आपको इस कैंपेन के साथ सबसे पहले सेल्फी लेनी है। फिर उसे harghartiranga.com पर अपलोड कर देना है। स्वतंत्रता दिवस को लेकर लोगों में हर बार क्रेज देखा जाता है। भारतीय ध्वज के अपमान को रोकने के लिए अधिनियम 1971 और भारतीय ध्वज संहिता 2002 बनाई गई है। कोई भी संस्था या व्यक्ति किसी भी दिन या किसी मौके पर तिरंगा फहरा सकता है। लेकिन तिरंगा फहराते समय केसरिया पट्टी ऊपर होनी चाहिए। अगर तिरंगे को वर्टिकल शेप में प्रदर्शित किया जा रहा है तो केसरिया पट्टी दाईं ओर होनी चाहिए। जो सामने वाले शख्स को बाईं ओर दिखेगी।
कोई भी नागरिक घर पर झंडा फहरा सकता है। अनुच्छेद 2.2 इसकी छूट देता है। ध्वज स्पष्ट तौर पर दिखते हुए फहराना चाहिए। फहराने वाला शख्स सम्मान की मुद्रा में होना चाहिए। ध्वज को उचित स्थान पर रखना जरूरी है। नियमों के तहत झंडे को गंदी जगह पर नहीं फहराया जा सकता। राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल चीजों को बांटने, लपेटने और प्राप्त करने के लिए नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम के दौरान मेज को ढकने या वक्ता के मंच से भी इसको नहीं लपेटा जा सकता। तिरंगे को किसी दूसरे झंडे के साथ एक स्तंभ पर नहीं फहरा सकते। कटा, मैला-कुचला झंडा नहीं फहराया जा सकता। गाड़ी के ऊपर भी हर शख्स झंडा नहीं लगा सकता है। इसके लिए ध्वज संहिता में अनुच्छेद 3.44 में कुछ विशेष व्यक्तियों को ही छूट दी गई है।
इन व्यक्तियों को कारों पर झंडा लगाने की छूट
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, उपराज्यपाल, प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगा सकते हैं। वहीं, राज्यों के सीएम, लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा और लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों की विधान परिषदों के अध्यक्ष, सभाओं के उपाध्यक्ष, मुख्य न्यायाधीश समेत सुप्रीम कोर्ट के जज अपनी गाड़ियों पर राष्ट्रीय झंडा लगा सकते हैं। कुछ और लोगों को भी अनुमति दी गई है। अगर नियमों का उल्लंघन होता है तो अधिनियम 1971 की धारा-2 के तहत 3 साल की जेल या जुर्माने की सजा हो सकती है। या दोनों सजा एक साथ सुनाई जा सकती हैं। राष्ट्रीय प्रतीकों और राष्ट्रगान के अपमान पर भी यही सजा मिलती है।
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