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Swatantrata Diwas 2024: 15 अगस्त को ही क्यों मिली आजादी? गांधी जी क्यों नहीं शामिल हुए जश्न में?

Independence Day 2024: आखिर 15 अगस्त को ही आजादी के लिए क्यों चुना गया? इसके पीछे एक खास कारण था। इस तारीख का इतिहास बड़ा रोचक है। जब आजादी की पहली सुबह भारतीयों ने चैन की सांस ली। देश इस बार 15 अगस्त को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है।
09:02 PM Aug 12, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Swatantrata Diwas 2024: देशभर में स्वतंत्रता दिवस की धूम दिख रही है। इस बार भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर 15 अगस्त का दिन ही आजादी के लिए क्यों निर्धारित किया गया। आपको विस्तार से इसकी वजह बता रहे हैं। पहले भारत को इंग्लैंड से 30 जून 1948 को आजादी मिलनी थी। लेकिन तभी बंटवारे का इश्यू उठ गया। नेहरू और जिन्ना अपने-अपने राग अलापने लगे। जिसके बाद सांप्रदायिक झगड़े की आशंका देश में बनने लगी। बाद में भारत को 15 अगस्त 1947 को ही आजादी देने का फैसला किया गया। उस समय के वायसराय लार्ड माउंटबेटन 4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में भारत की आजादी का बिल लेकर आए थे। इस बिल को ब्रिटिश संसद ने तुरंत मंजूर कर लिया था। जिसके बाद भारत 15 अगस्त को ही आजाद हो गया।

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लार्ड माउंटबेटन भारत के आखिरी वायसराय थे। वे अपनी जिंदगी में 15 अगस्त को खास मानते थे। 15 अगस्त 1945 के दिन ही दूसरे विश्व युद्ध में जापान की सेनाओं ने इंग्लैंड के सामने आत्मसमर्पण किया था। उस समय माउंटबेटन इंग्लैंड की अलाइस फोर्सेज के अफसर थे। जिसका पूरा श्रेय माउंटबेटन को मिला। इसलिए वे इस दिन की यादों को सहेजना चाहते थे।

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गांधी जी को आशीर्वाद देने के लिए बुलाया गया था

आपको हैरानी होगी कि 15 अगस्त 1947 को आजादी कार्यक्रम में महात्मा गांधी शामिल नहीं हुए थे। नेहरू और सरदार पटेल ने उनको पत्र भेजकर बुलाया भी था। लेकिन राष्ट्रपिता ने जवाब दिया था कि देश में इस समय सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं। इसलिए वे आजादी के जश्न में शामिल नहीं हो सकते। महात्मा गांधी ने कहा था कि 15 अगस्त के दिन वे खुश नहीं हो सकते। लेकिन वे यह नहीं कहेंगे कि आप भी खुशी न मनाएं। दुर्भाग्य से हमें ऐसी आजादी मिली है, जिससे भविष्य में भारत-पाक में संघर्ष के आसार बने हैं।

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