अनहेल्दी डाइट के कारण भारत में बढ़ीं 56% बीमारियां, ICMR ने खानपान को लेकर जारी की 17 गाइडलाइंस
Indian Council Of Medical Research: राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) और भारतीय मेडिकल रिसर्च काउंसिल (आईसीएमआर) की ओर से खानपान को लेकर नई गाइइलाइंस जारी की गई हैं। जिसके बताया गया है कि हेल्दी डाइट नहीं लिए जाने के कारण भारतीयों में बीमारी की आशंका 56 फीसदी तक बढ़ गई है। हेल्दी डाइट से ह्रदय रोग और हाईपरटेंशन को कम किया जा सकता है। वहीं, टाइप 2 डायबिटीज पर 80 फीसदी रोक लगाई जा सकती है।
हेल्थ अपडेट :ICMR की नई स्टडी और गाइडलाइंस
🔹ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद)ने कहा -भारत में 56% बीमारियां अनहेल्दी डाइट के कारण
🔹ICMR ने भारत के लोगों के लिए 17 प्वाइंट का गाइडलाइंस भी जारी किया I
गाइडलाइंस 👇👉ICMR ने मसक्यूलर बॉडी बनाने के लिए प्रोटीन… pic.twitter.com/gp2ntOUyET
— Dr Vikas Kumar (@drvikas1111) May 10, 2024
आईसीएमआर की ओर से कहा गया है कि भोजन में जरूरी तत्वों की कमी से मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। जिसको लेकर 17 प्वाइंट गाइडलाइंस में शामिल किए गए हैं। हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल से मौतों का खतरा कम किया जा सकता है। शुगर और फैटयुक्त खाने के कारण अधिक या कम वजन की समस्याएं आ रही हैं। कम शारीरिक गतिविधियों और भोजन में जरूरी चीजों की कमी से बीमारियों में इजाफा हो रहा है।
हेल्दी लाइफस्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत
एनआईएन ने नमक का सेवन कम करने और ऑयल, फैटयुक्त भोजन न खाने की सलाह दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे एक्सरसाइज जरूर करें। फूड लेबल्स पर ध्यान दें, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इस गाइडलाइन को आईसीएमआर-एनआईएन डायरेक्टर डॉ. हेमलता के निर्देशन में विशेषज्ञों ने जारी किया है। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की लगातार आपूर्ति से कुपोषण कंट्रोल होगा। राष्ट्रीय पोषण नीति में लक्ष्यों को हासिल करना उनकी प्राथमिकता है।
आईसीएमआर महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि भारतीय की आदतों में कुछ वर्षों से बदलाव आया है। गैर संचारी रोग बढ़े हैं। अल्पपोषण के कारण बीमारियों में इजाफा हुआ है। लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना होगा। एक्सरसाइज भी जरूरी है। सामने आया है कि 34 फीसदी 5-9 साल के बच्चे ट्राईग्लिसराइड्स से पीड़ित हैं। 45 प्रतिशत कैलोरी से अधिक वाला गेहूं और बाजरा खाना खतरनाक है। दाल और मांस में कैलोरी 15 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। दूध और सब्जियों का भी सेवन जरूरी है।
इन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत
1. संतुलित आहार का सेवन करें
2. गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान एक्स्ट्रा भोजन लें। स्वास्थ्य को लेकर ध्यान दें
3. पहले छह महीनों तक बच्चों को केवल स्तनपान करवाएं
4. छह महीने के बाद शिशु को घर का बना अर्ध-ठोस पूरक आहार दें
5. स्वास्थ्य और बीमारी से बचाने के लिए बच्चों और किशोरों को पूरा खाना दें
6. खूब सारी हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें
7. तेल/वसा से बना खाना खाने से परहेज करें
8. अच्छी समानता वाला प्रोटीन और आवश्यक अमीनो एसिड वाला भोजन लें
9. पेट के मोटापे, अधिक वजन को रोकने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
10. शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर नियमित व्यायाम पर ध्यान दें
11. नमक का सेवन उचित मात्रा में करें
12. सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य पदार्थों का ही यूज करें
13. पूरी तरह पक्का हुआ खाना ही खाएं
14. खूब पानी पिएं और लगातार पिएं
15. उच्च वसा वाले भोजन, चीनी को ज्यादा न लें
16. बुजुर्गों के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पर विशेष ध्यान दें
17. खानपान को लेकर लगातार अपडेट रहें