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कौन हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, जो महाकुंभ में अपने बयानों को लेकर आए चर्चा में?

Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati : आखिर कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती? जो अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। वे सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहे हैं।
10:20 AM Feb 02, 2025 IST | Avinash Tiwari
कौन हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती  जो महाकुंभ में अपने बयानों को लेकर आए चर्चा में

Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati : उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। वह अपने विचार खुलकर रखने के लिए जानते जाते हैं। महाकुंभ के बीच उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। आखिर कौन हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, जिनके बयानों को लेकर संत समाज के लोग भी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और उन्होंने ऐसा क्या कह दिया है?।

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अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि पहली बार अव्यवस्था की वजह से मौनी अमावस्या के दिन साधु-संत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान नहीं कर पाए। इसके साथ ही उन्होने सीएम योगी को लेकर कई टिप्पणियां की। अविमुक्तेश्वरानंद इस बयान विवाद के बाद चर्चा में आ गए। सोशल मीडिया पर भी उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

कौन है शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद?

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था। उनका मूल नाम उमाशंकर उपाध्याय है। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री और आचार्य की शिक्षा ग्रहण की है। पढ़ाई के साथ ही साथ अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती छात्र राजनीति में भी थे और साल 1994 में छात्रसंघ का चुनाव भी जीते थे।

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उमाशंकर उपाध्याय की प्राथमिक शिक्षा के बाद ही प्रतापगढ़ से गुजरात चले गए थे। स्वामी करपात्री जी महाराज के शिष्य ब्रह्मचारी राम चैतन्य के कहने पर उमाशंकर उपाध्याय ने संस्कृत की पढ़ाई शुरू की। जब करपात्री जी बीमार हुए तो उमाशंकर उपाध्याय ने निधन तक उनकी सेवा की। इसी दौरान वे ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के संपर्क में आए।

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से आचार्य की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2003 में उन्हें दंड संन्यास की दीक्षा दी गई। इसके बाद उन्हें नया नाम स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मिला। अविमुक्तेश्वरानंद के गुरु जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती स्वतंत्रता सेनानी थे।

साल 2022 में उनके निधन के बाद उनके दोनों पीठों के नए शंकराचार्य की घोषणा हुई। ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को और शारदा पीठ द्वारका का शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती को बनाया गया था।

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