whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

रूस की साध्वी और यूक्रेन के बाबा महाकुंभ में हुए नतमस्तक! दोनों का मकसद एक

Russo-Ukrainian War : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच दोनों देशों के लोग भारत में रहकर महाकुंभ में शांति का संदेश दे रहे हैं। दोनों देशों के करीब 70 लोग प्रयागराज पहुंचे हुए हैं।
12:19 PM Jan 23, 2025 IST | Avinash Tiwari
रूस की साध्वी और यूक्रेन के बाबा महाकुंभ में हुए नतमस्तक  दोनों का मकसद एक

Russo-Ukrainian War : एक तरफ रूस और युक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, दूसरी तरफ दोनों देशों के संन्यासी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौजूद हैं और दोनों शांति का संदेश दे रहे हैं। लगभग तीन साल से दोनों देशों के बीच युद्ध चल रहा है और इस युद्ध में कई लोग मारे जा चुके हैं लेकिन दोनों देश के संन्यासी भारत में आकर शांति का संदेश दे रहे हैं।

Advertisement

यूक्रेन के रहने वाले स्वामी विष्णुदेवानंद गिरिजी महाराज और रूस की रहने वाली आनंद लीला माता महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज में हैं और दोनों एक मंच पर बैठकर प्रेम, शांति और करुणा पर प्रवचन दे रहे हैं। दोनों सेक्टर 18 में पायलट बाबा के शिविर में रोज प्रवचन देते हैं। दोनों देशों के 70 से अधिक लोग एक साथ इस शिविर में रह रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि कम से कम 100 लोग और आएंगे।

विष्णुदेवानंद गिरिजी महाराज को पहले वैलेरी के नाम से जाना जाता था। वो यूक्रेन के खार्किव शहर के रहने वाले हैं और अब जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं। गिरिजी महाराज ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, "विश्व शांति के लिए मेरा संदेश दो शब्दों में व्यक्त किया गया है: "लोकसंग्रहम" (सार्वभौमिक भलाई) और "अरु पदै" (सार्वभौमिक ज्ञान)। हमें 'लोक: समस्त: सुखिनो भवन्तु' मंत्र को याद रखना चाहिए, जो सभी जीवों की भलाई और खुशी की कामना करता है।

Advertisement


यह भी पढ़ें : Mahakumbh 2025 के अद्भुत बाबा, किसी ने पहना 4 किलो सोना तो कोई कांटों पर लेटा

Advertisement

वहीं रूस की रहने वालीं आनंद माता को पहले ओल्गा नाम से जाना जाता था। वह पश्चिमी रूस के निजनी नोवगोरोड की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि कुंभ मेले में यह मेरी पांचवीं यात्रा है। पहली बार मैं यहां महामंडलेश्वर पायलट बाबाजी के निमंत्रण पर आई थी। 2010 में मैंने महामंडलेश्वर का पद स्वीकार किया और तब से मैं लगभग हर कुंभ मेले में आती रही हूं। उन्होंने कहा कि जब रूस और यूक्रेन के लोग सद्भाव में एक साथ बैठते हैं तो यह एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे आध्यात्मिक खोज राष्ट्रीय पहचान से परे लोगों को एकजुट कर सकती है।

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025: वायरल गर्ल मोनालिसा की शर्मनाक हरकत, चुभने लगी खूबसूरती

एक तरफ जहां रूस और यूक्रेन के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों के लोग एक ही शिविर में शांति से रह रहे हैं। इसके पीछे की वजह अध्यात्म बताई जा रही है। गिरिजी महाराज और आनंद माता दोनों विश्व शांति और युद्ध से प्रभावित देशों के उपचार के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं। दोनों देश खूनी संघर्ष में लगे हुए हैं, जिससे दोनों पक्षों में भारी जान-माल का नुकसान हुआ है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो