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टाइगर भी 'साधू' बन जाते हैं एक दिन के लिए, मीट नहीं छूते, रोचक है वजह

Tigers Fast Once a Week : चिड़ियाघर में मादा बाघ को पांच किलो भैंस का मांस दिया जाता है और नर बाघ प्रतिदिन 6 किलो मांस खाते हैं। हालांकि हफ्ते में एक दिन चिड़ियाघर के बाघों को उपवास पर रखा जाता है।
07:07 PM Apr 12, 2024 IST | Avinash Tiwari
Tiger
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Tigers Fast Once a Week :बाघ को दुनिया का सबसे खतरनाक और हिंसक जानवर माना जाता है लेकिन क्या ऐसा संभव है कि ये खतरनाक जानवर भी एक दिन का उपवास रखता हो? यकीन करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन ये सच है। पूरी तरह से मांसाहार पर जीवित रहने वाला ये खूंखार जानवर एक चिड़ियाघर में हफ्ते में एक दिन उपवास करता है। कह सकते हैं कि एक दिन के लिए इस चिड़ियाघर में रहने वाले बाघ साधू बन जाते हैं। आइये जानते हैं कि आखिर क्या है मामला।

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नेपाल के सेंट्रल चिड़ियाघर का मामला

बाघों के उपवास रखने का मामला नेपाल के सेंट्रल चिड़ियाघर का है। इस चिड़ियाघर के बाघों को हफ्ते में एक दिन के उपवास पर रखा जाता है। चिड़ियाघर के अधिकारी जानबूझकर बागों को हफ्ते में एक दिन शनिवार को खाने पीने के लिए कुछ देते ही नहीं है।

चिड़ियाघर के एक अधिकारी गणेश कोइराला ने बताया कि बाघ स्वस्थ रहें और इसलिए उन्हें हफ्ते में एक दिन उपवास पर रखा जाता है। हालांकि एक दिन के उपवास के दौरान बाघों को भी कोई दिक्कत नहीं होती और बाघों को एक दिन के उपवास रखने के पीछे की वजह है कि उनका वजन कंट्रोल में रहे।

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जानकारी के अनुसार, चिड़ियाघर में मादा बाघ को पांच किलो और नर बाघ 6 किलो मांस रोज दिया जाता है। शनिवार के दिन इनके स्वास्थय को ध्यान में रखकर इन्हें उपवास कराया जाता है, जिससे वजन के साथ ही इनका पाचन तंत्र भी मजबूत रहे। अधिकारियों का कहना है कि अगर बाघों का वजन अधिक बढ़ जाता है तो उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामान करना पड़ता है।

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जानकारों का कहना है कि जानवरों के स्वास्थय के लिए दवा पर निर्भर होना दीर्घकालिक के लिए ठीक नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि मांसाहारी जानवरों को एक दिन उपवास पर रखकर उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।

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