Video: रायबरेली पुलिस का गजब खेल, 7 लाख लौटाने आया तो भेजा जेल, 12 दिन बाद छूटा
Raebareli Police : उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामे एक से बढ़कर एक हैं। कभी एनकाउंटर को लेकर सवालों के घेरे में रहती हैं तो कभी बेकसूरों को फंसाने, अटपटे केस और वसूली में लिप्त मिलती है। अब हाल ही की एक घटना को ले लीजिए। मामला रायबरेली का है, यहां एक शख्स नोटों से भरा बैग लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचा तो पुलिसवालों ने उसे ही जेल में डाल दिया। इसके बाद जब मामला खुला तो पुलिसवालों की शर्मनाक करतूत सामने आई।
जमुनीपुर चरुहार निवासी गौरव उर्फ दीपू को लूट के मामले में गदागंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने जब धरना प्रदर्शन किया तो मामले की जांच करने की बात कही गई। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जब जांच पूरी हुई तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई। जांच में पता चला कि थाने के पुलिसकर्मियों ने वाह वाही के लिए उसी शख्स को जेल भेज दिया था, जो सड़क के किनारे पड़े बैग को लेकर पुलिस को देने पहुंचा था।
गौरव को रास्ते किनारे पड़ा एक बैग मिला, जिसमें नोट भरे हुए थे। जैसे ही गौरव इसे लेकर थाने पहुंचा तो पुलिसवालों ने इसे ही लुटेरा बताकर जेल में डाल दिया। करीब 12 दिन तक वह जेल में रहा और बाद में बेगुनाह निकला। पुलिस की ही जांच में सामने आया है कि गौरव कोई लुटेरा नहीं था बल्कि उसे सच में सड़क किनारे रुपये से भरा बैग मिला था। लेकिन पुलिस तो वाह वाही की भूखी निकली, उसने बिना किसी शुरूआती जांच के जल्दबाजी में गौरव को ही जेल में डाल दिया।
ये रायबरेली निवासी गौरव उर्फ दीपू हैं,
इनको रास्ते में 1 बैग मिला,
इसमें 7 लाख रुपए थे।
उसने प्रधान को बताया और ये बैग लेकर थाने पहुंचा।
पुलिस ने उसको ही 8 लाख रुपए की लूट में जेल भेज दिया।
12 दिन बाद वो जेल से छूटा है।दारोगा जी अनुसूचित जाति कोटे से नौकरी पाए हैं। pic.twitter.com/YbobkCALDj
— The Deepak Shukla (@ShieldOfMahadev) September 8, 2024
जेल से बाहर आने के बाद गौरव ने जब आपबीती बताई तो सबके कान खड़े हो गए। कैसे पुलिस केस सॉल्व करने का दिखावा करने के लिए बेगुनाह को फंसाती है। गौरव ने बताया कि मुझे दो दिन थाने में रखने के बाद रात में जंगल ले गए और वहां बैग के साथ मेरा वीडियो रिकॉर्ड किया। इसके बाद मुझे फंसा दिया। मैंने कुछ गलत नहीं किया था। गौरव ने बताया कि वह RO का पानी लेने जा रहे थे, उसकी वक्त रास्ते में उन्हें बैग मिला था। प्रधान के कहने पर वह बैग लेकर थाने पहुंचा था।
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वहीं पुलिस का कहना है कि गौरव ने बैग को लेकर जानकारी नहीं दी , इससे उसकी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। कोई गुनहगार बख्शा नहीं जायेगा और बेगुनाह को सजा नहीं दी जाएगी।