क्या होता है 'रिटर्निंग सोल्जर इफेक्ट'? युद्ध के बाद भगवान करते हैं ये चमत्कार!
Returning Soldier Effect: इजराइल और इरान, युक्रेन और रूस के बीच बवाल चल रहा है। इस बवाल के बीच 'युद्ध के दौरान या बाद पैदा होने वाले बच्चों' को लेकर खूब चर्चा हो रही है। कई सालों का डाटा एकत्रित करने के बाद वैज्ञानिकों ने 'रिटर्निंग सोल्जर इफेक्ट' देखा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आंकड़ों के अध्ययन से यह सामने आया है कि जहां युद्ध हो रहे होते हैं, वहां नवजात में लड़कों की संख्या अधिक होती है।
वैज्ञानिकों का ध्यान इस तरफ पहली बार 1954 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गया, जब संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिक लड़के पैदा हुए थे। इसके बाद से लगातार इस तरह की प्रवृत्ति बार-बार देखी गई लेकिन हैरानी की बात ये है कि कोई इसे महज संयोग नहीं मानता। सच तो यह भी है कि अभी तक कोई भी यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि ऐसा होता क्यों है।
युद्ध के दौरान या बाद में ऐसा सिर्फ कुछ खास देश या स्थान तक सीमित नहीं है बल्कि जर्मनी, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क और नीदरलैंड जैसे देशों में विश्व युद्ध के बाद के नवजात लड़कों और लड़कियों के अनुपात में बड़ा अंतर पाया गया। ऐसे ना जानें कितने देशों के आंकड़े एकत्रित किए गए और फिर 'रिटर्निंग सोल्जर इफेक्ट' नाम दिया गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पादरी जेपी सुस्मिलच ने 1700 के दशक में ही इसे नोटिस किया था। उनके अनुसार, जब उन्होंने पेरिस के रजिस्टरों को देखा और पाया कि युद्ध के समय लड़कियों की तुलना में अधिक लड़के पैदा हुए। पादरी जेपी सुस्मिलच ने इसे दैवीय शक्ति कहा था और उनका मानना था कि युद्ध में मरने वाले पुरुषों की संख्या की भरपाई करने के लिए ही भगवान अधिक लड़कों को जन्म दे रहे हैं। हालांकि इस तरह के तर्क पर कोई भरोसा नहीं कर रहा, वैज्ञानिक तो मानने को भी तैयार नहीं।
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दावा यह भी किया गया कि ब्रिटेन में युद्ध के दौरान बचकर आए लोग उन लोगों की तुलना में अधिक ऊंचे थे जो मार गए। मनोवैज्ञानिक सातोशी कनाजावा का कहना है कि लंबे लोगों में बेटे का बाप बनने की संभावना अधिक होती है। सबके अपने-अपने तर्क हैं और दावे हैं लेकिन तथ्यों के साथ अभी तक कोई साबित नहीं कर पाया कि 'रिटर्निंग सोल्जर इफेक्ट' क्यों होता है।