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रामेश्वरम में आज भी तैरते हैं पत्थर? आखिर क्या है वैज्ञानिक कारण

Ram Setu: रामसेतु, भारत और श्रीलंका के बीच स्थित एक रहस्यमयी संरचना है। हिंदू धर्म में इसे भगवान राम की वानर सेना द्वारा निर्मित एक चमत्कारी पुल माना जाता है। लेकिन क्या यह वाकई एक चमत्कार है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? आइए जानते हैं।
09:27 PM Nov 28, 2024 IST | Ashutosh Ojha
Ram Setu
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Ram Setu: रामेश्वरम एक ऐसी जगह है, जहां समुद्र में तैरते हुए पत्थर देखे जाते हैं। लोग इसे चमत्कार मानते हैं, लेकिन क्या सच में यह चमत्कारी है या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है? ये तैरते पत्थर रामसेतु से जुड़े हुए हैं या नहीं, यह सवाल सभी के मन में है। लोग सोचते हैं कि ये पत्थर पानी में क्यों तैरते हैं। क्या विज्ञान इस रहस्य को समझा सकता है? चलिए, जानते हैं कि आखिर ये पत्थर कैसे तैरते हैं और इसके पीछे क्या वजह हो सकती है।

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रामसेतु के निर्माण की अद्भुत कहानी

रामायण के अनुसार, जब रावण ने सीता का अपहरण किया था, तब राम ने लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र के बीचों-बीच एक पुल का निर्माण करवाया था। यह पुल मात्र 5 दिनों में ही तैयार हो गया था। लेकिन इस विशाल पुल को बनाने के लिए किस तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था, यह एक बड़ा सवाल है।

तैरते हुए पत्थरों का रहस्य

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने समुद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। प्रसन्न होकर समुद्र देवता ने भगवान राम को आशीर्वाद दिया कि वह समुद्र पर पत्थरों का पुल बना सकते हैं। राम ने अपनी वानर सेना के साथ मिलकर पत्थरों को समुद्र में फेंका और वे पत्थर पानी में तैरने लगे।

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विज्ञान क्या कहता है?

हालांकि, विज्ञान इस चमत्कार के पीछे कुछ और ही कारण बताता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि रामसेतु के निर्माण में 'प्यूमाइस स्टोन' नामक एक विशेष प्रकार के पत्थर का इस्तेमाल किया गया था। ये पत्थर ज्वालामुखी के लावा से बनते हैं और इनमें कई छिद्र होते हैं। इन छिद्रों की वजह से ये पत्थर हल्के होते हैं और पानी में तैरते रहते हैं।

नासा ने की पुष्टि

नासा ने सैटेलाइट की मदद से रामसेतु की तस्वीरें ली हैं और इसकी पुष्टि की है कि यह एक प्राकृतिक संरचना नहीं है। यह तथ्य धार्मिक मान्यताओं को और मजबूत करता है।

रामसेतु को एक और नाम क्या है

दुनियाभर में इस पुल को 'एडम्स ब्रिज' के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसे भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम से जोड़ा जाता है। यह पुल भारत के रामेश्वरम से शुरू होकर श्रीलंका के मन्नार तक जाता है।

एक रहस्यमयी पुल

रामसेतु आज भी एक रहस्य बना हुआ है। विज्ञान और धर्म दोनों ही इसके बारे में अलग-अलग व्याख्याएं देते हैं। यह पुल इतिहास, धर्म और विज्ञान का एक अनूठा संगम है।

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